13 साल पहले 3 हजार रुपये रिश्वत लेने वाले कांस्टेबल को 4 साल की कैद, 15 हजार रुपये लगाया जुर्माना

 

 भीलवाड़ा पीके गढ़वाल। तेरह साल पहले तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गये काछोला थाने के तत्कालीन कांस्टेबल भंवरलाल मीणा को 4 साल की सजा और 15 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। फैसला, सोमवार को विशिष्ठ न्यायाधीश राकेश कटारा ने सुनाया। 
न्यायालय सूत्रों के अनुसार, कोटड़ी तहसील के संग्रामपुरा निवासी श्योजीराम पुत्र डूंगाराम गुर्जर ने एक जून 09 अपने रिश्तेदार कन्हैयालाल गुर्जर निवासी गोटड़ा के साथ एसीबी कार्यालय में उपस्थित होकर तत्कालीन सीआई लोकेश त्रिपाठी को सूचना दी कि हम दोनों साक्षर है। सिर्फ हस्ताक्षर करना जातने हैं। परिवादी श्योजी ने बताया कि उसके खाते की जमीन 5 बीघा ग्राम संग्रामपुरा में स्थित है। खातेदारी जमीन में उसके गांव के शंभुनाथ, कासीनाथ, मगनानाथ, कल्लानाथ व बरजी पत्नी कासीनाथ ने राजस्व् रिकार्ड में अंकित रास्ते के अलावा खातेदारी भूमि में से रोड पर लगे थोर काटकर मेड पर रास्ता बनाना चाह रहे थे। जिसका उसने व पत्नी के मना करने पर इन लोगों ने परिवादी से मारपीट की। इस संबंध में एक रिपोर्ट एसपी, भीलवाड़ा को 26 मई 2009 को पेश की थी, जो अग्रिम जांच के लिए काछोला थाने को भिजवाई गई। जांच काछोला थाने के कांस्टेबल भंवरलाल मीणा के पास थी। जो शिकायत की जांच कर रहे हैं। उसके रिश्तेदार कन्हैयालाल व परिवादी से भंवरलाल मीणा ने शिकायत की जांच करने की एचज में खर्चे पानी के रूप में 12 हजार रुपये रिश्वत की मांग की है।  परिवादी ने एसीबी से कहा कि वह जायज काम के लिए भंवरलाल मीणा को रिश्वत नहीं देना चाहता है। वह कार्रवाई करवाना चाहता है। एसीबी ने परिवादी व आरोपित कांस्टेबल से फोन पर वार्ता करवा कर शिकायत का सत्यापन करवाया। 
 शिकायत सही पाये जाने पर 3 जून 2009 को एसीबी ने ट्रैप की योजना तैयार की।  कांस्टेबल मीणा को दस हजार रुपये देना तय हुआ। किश्त के रूप में  परिवादी को 3 हजार रुपये देकर कांस्टेबल भंवरलाल मीणा के पास भेजा। गांव में छोटूराम की गुवाड़ी के सामने कांस्टेबल भंवरलाल परिवादी को मिला। जहां परिवादी ने 3 हजार रुपये कांस्टेबल मीणा को दिये। यह राशि लेकर कांस्टेबल ने दाहिने हाथ से यह राशि लेकर बाद में बांयें हाथ से पहनी हुई शर्ट की उपरी बांयी जेब में रख ली। परिवादी का संकेत पाकर एसीबी टीम मौके पर पहुंची और कांस्टेबल मीणा को गिरफ्तार किया। तफ्तीश के बाद आरोपित कांस्टेबल के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सोमवार को आरोपित कांस्टेबल को चार साल की सजा व 15 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। इस मामले में सरकार की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक सुनीता यादव ने पैरवी की। 

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