कबाड़ी से दुकान चलाने की एवज में ₹20000 मासिक बंधी की मांग करने वाले कांस्टेबल के खिलाफ एसीबी कोर्ट में चालान पेश

 

          भीलवाड़ा। कोटा। एक कबाड़ी से कबाड़ की दुकान बिना रुकावट के चलाने की एवज में ₹20000 की मासिक बंधी की मांग करने वाले रावतभाटा थाने के कांस्टेबल गिर्राज प्रसाद गुर्जर के खिलाफ आज एसीबी कोटा स्पेशल यूनिट ने न्यायालय ए. सी. बी. उदयपुर-प्रथम में चालान पेश किया  है।

एसीबी चौकी कोटा व एसीबी स्पेशल यूनिट कोटा के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बीएचएन को बताया कि परिवादी आदिल हुसैन अंसारी निवासी आदर्श नगर, रावतभाटा, जिला चितौडगढ़ ने  7 फरवरी 2022 को एसीबी चौकी बारां पर एक लिखित रिपोर्ट पेश की कि मैं कस्बा रावतभाटा में सैलून व कबाडे का काम करता हूँ। करीब 3-4 दिन पहले रावतभाटा थाने के दो सिपाही गिर्राज व नरेन्द्र मेरे पास आये और कहा कि तू चोरी का सामान खरीदता है, तुझे रावतभाटा में कबाडे का काम करना है तो 20,000 रूपये हर महीने देने पडेंगे। 8 फरवरी 2022 को रिश्वत मांग का गोपनीय सत्यापन करवाया गया, सत्यापन वार्ता में आरोपी कॉन्स्टेबल गिर्राज द्वारा परिवादी से उसकी कबाडे की दुकान चलाने देने एवं परेशान नहीं करने की एवज में प्रतिमाह 20000 रूपये की बंधी की मांग की गई। सत्यापन वार्ता के दौरान ही  8 फरवरी 2022 को आरोपी गिर्राज प्रसाद कानि0 द्वारा परिवादी से 6000 रूपये की रिश्वत राशि प्राप्त की गई तथा शेष 14000 रूपये की व्यवस्था होने पर परिवादी द्वारा कॉल करके बताने पर आरोपी द्वारा स्वयं लेने आने के लिए कहा गया तथा आरोपी कानि0 द्वारा इसकी चर्चा किसी और से करने के लिए परिवादी से मना किया गया।  9 फरवरी 2022 को ट्रेप कार्यवाही का आयोजन किया गया, किन्तु आरोपी कॉन्स्टेबल गिर्राज प्रसाद  को परिवादी पर शक हो जाने के कारण उसके द्वारा परिवादी से रिश्वत राशि ग्रहण नही की गई।

उक्त कार्यवाही पर आरोपी गिर्राज प्रसाद गुर्जर कानिस्टेल के विरूद्ध मुख्यालय भ्रनिब्यूरो राजस्थान जयपुर पर प्रकरण संख्या 149 / 2022 दर्ज किया गया। प्रकरण का अनुसंधान  धर्मवीर सिंह उप अधीक्षक पुलिस अनिब्यूरो स्पेशल यूनिट कोटा द्वारा किया गया। अनुसंधान से आरोपी गिर्राज प्रसाद गुर्जर कानिस्टेबल, पुलिस थाना रावतभाटा जिला चित्तोडगढ के विरूद्ध जुर्मधारा 7 भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 का अपराध प्रमाणित पाया जाने पर विशिष्ट न्यायाधीश एवं सेशन न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, उदयपुर-प्रथम में चालान पेश किया गया।

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