खुद को फौजी बताकर ठगे 38 हजार, गुगल ऐप पर पुरानी बाइक का विज्ञापन दिखाकर की धोखाधड़ी


 भीलवाड़ा बीएचएन। एक ठग ने खुद को इंडियन आर्मी का जवान बता गुगल एप के जरिए विज्ञापन दिखाकर बाइक बेचने के नाम पर 38 हजार 650 रुपए ठग लिए। ठगी करने वाले ने आर्मी के ट्रक के फोटो वाट़्सएप पर भेजकर पीडि़त को विश्वास में लिया और ठगी की। मामले की शिकायत पीडि़त ने बिजौलियां थाने में दी, जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच कार्रवाई शुरू कर दी है। 

बिजौलियां थाने में दी शिकायत में बिजौलियाखुर्द निवासी पूरणमल पुत्र नंदलाल प्रजापत ने विक्रम सिंह पुत्र रणजीत सिंह निवासी बसन्ती चौक के पास ब्रह्म कोलोनी श्रीगंगानगर व हवलदार मंजीत सिंह  निवासी अज्ञात, समीर सिंह पुत्र जगराज सिंह निवासी अज्ञात को आरोपित बनाया है। 
प्रजापत ने शिकायत में बताया कि वह अपने पुत्र के मोबाइल के गुगल ऐप पर पुरानी बाइक के फोटो देख रहा था। उस ऐप पर किसी न हीरो डिलक्स का फोटो डालकर मोबाईल नम्बर 8328964318 लिख रखा था। परिवादी ने फोटो देखकर उक्त नंबर पर कॉल किया। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को  इण्डियन आर्मी का जवान और बाइक मालिक विक्रम सिंह पुत्र रणजीत सिंह  बताया । उसने परिवादी   को अपना ट्रांसफर जम्मु कश्मीर होने से पुरानी बाइक को बेचने का प्रलोभन दिया और पूछने पर 15 हजार रुपये में बाइक बेचने का  झांसा दिया। परिवादी के बेटे को अपनी बातों में उलझा कर आरोपित ने बताया कि  अतिरिक्त कोई भी चार्ज नहीं लगेगा। परिवादी के पुत्र ने अच्छी बाइक समझकर खरीदने का मन बनाया।  1 घन्टे बाद फोन पर बताया कि बाइक की  डिलीवरी चार्ज 1150 रूपये डाल दो ताकि  ट्रांसपोर्ट के जरिए बाइक भेज संकु। परिवादी ने 1150 रूपये फोन पे से  खाते में जमा करवाए।
17 सितंबर को करीब 10 बजे परिवादी के बेटे के फोन पर किसी ने अपने आप को आर्मी का ट्रक जवान दिखाते हुए किसी मंजीत सिंह ने  फोन किया और कहा कि मैं बुन्दी आ चुका हूं और आप अपनी बाइक की  होम डिलीवरी के लिये बाइक का 50 प्रतिशत राशि जमा करवा दो। परिवादी के पुत्र ने  मित्र की सहायता से बाइक का 50 प्रतिशत पैसा 7500 रुपये फोन पे के माध्यम से क्युआर कोड पर समीर सिंह के खाते  में जमा करवाये। 
 करीब 10 मिनट बाद मंजीत ने बाइक के इंश्योरेंस के पैसे के बारे में बात कर 8250  रूपये खाते में डालने के लिये कहा। यह राशि भी परिवादी के पुत्र ने उधार लेकर समीर सिंह के खाते में फोन पे के माध्यम से पैसा डाल दिया। इसके बाद मंजीत ने बताया कि पैसा गलत तरीके से जमा करा दिया।  आप दुबारा 8000 प्लस 250 रुपये अलग अलग डालो तभी आप की बाइक का  इंश्योरेंस होगा।  उनके कहने पर  8250 रूपये अलग अलग डाल दिये । इसके बाद भी इग झंाझे में लेकर लेटफीस आदि के नाम से कुल 38 हजार 650 रुपये परिवादी से ठग लिये। परिवादी का कहना है कि उसने इस संबंध में पूर्व में बिजौलियां थाने में यह रिपोर्ट दी, लेकिन कोई कार्रवाई पुलिस ने नहीं की। इसके चलते उसे कोर्ट की शरण लेकर 156 के इस्तगासे के जरिये केस दर्ज करवाना पड़ा। 

 

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