ब्याजखोरों की धमकियों से परेशान ग्रामीण ने खाया जहर, ससुाइड नोट में 5 लोगों पर लगाया परेशान करने का आरोप

 

 भीलवाड़ा बीएचएन। कारोई खेड़ा गांव के एक ग्रामीण ने सुदखोरों की धमकियों से परेशान होकर जहर खा लिया। तबीयत बिगडऩे पर ग्रामीण को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। ग्रामीण ने जहर खाने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा, जिसमें 5 लोगों की धमकियों से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात  लिखी गई है। उधर, कारोई पुलिस का कहना है कि अभी इस तरह की कोई सूचना पुलिस को अब तक नहीं मिली है। 
जानकारी के अनुसार, कारोई खेड़ा निवासी प्रहलाद राय पुत्र सोहनलाल कुमावत को मंगलवार को जहरीली वस्तु सेवन करने से हालत बिगडऩे के बाद जिलाअस्पताल ले जाया गया, जहां उसे भर्ती कर उपचार शुरु किया गया। इसके बाद बुधवार को प्रहलाद राय का लिखा बताया गया एक सुसाइड नोट मीडिया को परिजनों ने दिया है।
 
ब्याज माफियाओं का दबाव नहीं झेल पा रहा हूं। मेरे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं है...
मैं, प्रहलादराय पुत्र सोहनलाल निवासी कोराईखेड़ा विगत 3 साल से बीमार चल रहा। हाई ब्लड प्रेशर होने के बाद एक हाथ व पैर सुन्न हो जाता है। आधा शरीर काम करना बंद कर देता। उदयपुर व भीलवाड़ा के कई हॉस्पीटल में इलाज करवाया पर कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ। बीपी बढ़ते ही आंखों से साफ दिखाई नहीं देता। सांस लेने में भारी दिक्कत होती है। एक महीने में 20 दिन तबीयत खराब रहती है। लोक डाउन के बाद में आर्थिक स्थिति खराब हो गई। कर्जा हो गया। इलाज में खर्चा होना कमाई बंद होना। मैने ब्याज माफियाओं  से जितना पैसा लिया, उससे ज्यादा ब्याज जमा करवा दिया। में भी लोगों में पैसा मांगता हूं पर लोगों की हालत व आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण मै किसी को परेशान नहीं किया। इनके पास होगा तब लौटा देंगे। पर मेरे कर्जदार मेरे उपर इतना दबाव बना रहे हैं कि कुछ भी करके  हमारा कर्जा लौटा दो, वरना जीना मुश्किल कर देंगे। कोई फोन पर दबाव बना रहा है तो कोई व्यक्तिगत मिलकर परेशान कर रहे हैं। मैने इनको बोला कि अभी मेरे पास पैसा नहीं है। मेरे को दो-तीन साल का समय दो, जो कमा के में आपका कर्जा लौटा दूंगा। मेरे घर आकर धमकी देते हैं व परेशान करते हैं। परिवार वाले से अपशब्द कहते हैं। धमकियां देते कि हमारे पास तुम्हारे चेक पड़े जो तीन-चार गुना पेमेंट भरकर केस कर देंगे। अब में रोज-रोज डर के साये में जी रहा हूं। एक वर्ष हो गया। मैं, कारोई बस स्टैंड नहीं आया।  उइनके डर से मैने इनको बोला कि मैं आपका पैस खाना नहीं चाहता। मेरी नीयत खराब नहीं। मेरा समय खराब है। मरे को समय दो। पर इस बात पर कोई मान नहीं रहा है। मेरे परिवार को भी परेशान व अपमानित कर रहे हैं। अब में इनका दबाव नहीं झेल पा रहा हूं। और में इतना परेशान हो गया इन ब्याज माफियाओं से कि मेरे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। ये लोग शाम सुबह घर आ जाते हैं। शांति से खाना भी नहीं खाने देते। घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। इन लोगों से तंग आ गया। इस समस्या से में इतना परेशान हूं कि मुझे यह कदम उठाना नड़ रहा। इस घटना के जिम्मेदार केवल ब्जया माफिया है। अन्य कोई बाहर या परिवार के जिम्मेदार नहीं है। केवल ब्याज माफिया ही जिम्मेदार है। प्रहलाद राय ने सुसाइड नोट में कारोई थाना प्रभारी व एसपी से परिवार की सुरक्षा व न्याय दिलाने की गुहार की। इस पत्र में जोरावर सिंह, नारायण पुत्र बालू काबरा, गोपाल पुत्र माधु माणक्या, मंसा देवी सुवालका व जीतेंद्र पुत्र सुरेश सुवालका  के नाम लिखे हैं। 
(नोट- जैसा प्रहलाद राय ने पत्र में लिखा)

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