कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं को मुफ्त में मिले सैनिटरी पैड, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

 


सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर सरकार को छह से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है। जया ठाकुर ने अधिवक्ता वरिंदर कुमार शर्मा और वरुण ठाकुर के माध्यम से यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, "ये वे किशोर लड़कियां हैं जिन्हें मासिक धर्म और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में उनके माता-पिता द्वारा नहीं बताया जाता है और न ही उन्हें इस बारे में शिक्षित किया जाता हैं। वंचित आर्थिक स्थिति और निरक्षरता के चलते अस्वास्थ्यकर प्रथाओं का प्रसार होता है जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम होते हैं। इसकी वजह से लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं।”

इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और आवासीय विद्यालयों में अलग-अलग बालिका शौचालय प्रदान करने और शौचालयों की सफाई के लिए एक क्लीनर उपलब्ध कराने के निर्देश जारी करने की मांग की है। याचिका में तीन-चरण जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करने की भी मांग की गई है।

यानी सबसे पहले, मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके चारों ओर की वर्जनाओं को दूर करना; दूसरा, महिलाओं और युवा छात्राओं को विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं और रियायती या मुफ्त स्वच्छता उत्पाद प्रदान करना; तीसरा, मासिक धर्म अपशिष्ट निपटान का एक कुशल और स्वच्छतापूर्ण तरीका सुनिश्चित करना शामिल है। 

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