कत्थक नृत्यांगना मऊमाला नायक सरकारी विद्यालयो में देगी प्रस्तुतियां

 


भीलवाडा। स्पिक मैके (सोसायटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक एण्ड कल्चरल एमगंस्ट यूथ) एवं तक्षशिला के सहयोग से भारत सरकार के आजादी के ’’अमृत महोत्सव’’ के तहत विश्व प्रसिद्व कत्थक नृत्यांगना मऊमाला नायक 7 नवम्बर से 11 नवम्बर 2022 तक भीलवाड़ा के 10 ग्रामीण एवं शहरी सरकारी विद्यालयो में अपनी प्रस्तुतियॉ देगी ।
       राज्य समन्वयक कैलाश पालिया ने बताया कि मऊमाला नायक ने पटना में सिर्फ 9 वर्ष की आयु में स्व.नगेन्द्रसिंह मोहिनी से 1982 में कत्थक सीखना शुरू किया और उसी प्रयाग विश्वविद्यालय में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की उसके बाद दिल्ली में अपना विशेष प्रशिक्षण वासवति मिश्रा से ग्रहण किया । विश्व प्रसिद्व कत्थक सम्राट पंडित बिरजू महाराज के सानिध्य में नेशनल इंस्टीट्युट ऑफ कत्थक डांस नई दिल्ली से डिप्लोमा ऑनर्स पूरा किया। अकादमीक रूप से मऊमाला नायक ने विश्व विद्यालय एवं विद्यालय स्तर पर हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त किया। नृत्य के साथ साथ इनमें और भी कई विशेषताएं है जिनमें कई महत्वपूर्ण हिन्दुस्तानी वोकल, शास्त्रीय संगीत, तबला, चित्रकला, रूसी भाषा, रैकी, कम्प्यूटर विज्ञान, फेशन डिजाइनिंग आदि क्षैत्र में भी पारंगत है।
       मऊमाला नायक वर्तमान में गर्न्धव महाविद्यालय में कत्थक की नृत्य गुरू है इनको वर्ष 1986 में सी.सी.आर.टी. 1996 में एस.एन.ए. और 1977 में मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है। वर्ष 1999 में अम्बेडकर कलाश्री पुरूस्कार 2001 में साहित्य सम्मान, काव्यश्री सम्मान, 2005 में शिक्षक रत्न, 2014 में एस.राधा सम्मान प्राप्त हुआ। इन्होने भारत के सभी राष्‍ट्रीय एवं अर्न्तराष्‍ट्रीय कथक समारोह में अपनी नृत्य प्रस्तुतियॉ दी है। साथ ही भारत के अलावा विदेशो में जापान, आस्ट्रेलिया, पोलेण्ड, निथोनियॉ, सलोवाकियॉ, मलेशियॉ, कनाडा, इटली, नेपाल, अमेरिका, बर्मा, चीन, जापान आदि देशो में कत्थक नृत्य की प्रस्तुतियॉ दी चुकी है।
       मऊमाला नायक दिल्ली दूरदर्शन की ’ए’ ग्रेड कलाकार एवं आई.सी.सी.आर की स्थापित श्रेणी में एक पैनलबद्व कलाकार है।
       स्पिक मैके के साथ नियमित रूप से कत्थक नृत्य की कार्यशालाएं एवम् प्रदर्शन कर रही है साथ ही भारत सरकार की संस्कृति मंत्रालय की सूचिबद्व कलाकार भी है।

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