दस लाख की मांग, एक्सीडेंट में मरवाने जैसी धमकियों से परेशान होकर युवक ने खाया सेल्फोस, पुलिस ने पत्नी, उसके माता-पिता व वकील पर आरोप, केस दर्ज

 


 भीलवाड़ा बीएचएन। दस लाख रुपये की मांग, एक्सीडेंट में मरवाने, दहेज के मुकदमे में उलझाने जैसी धमकियों से परेशान होकर सल्फोस का सेवन कर लिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। साथ ही युवक के अपने बयान में लगाये आरोपों पर पुलिस ने उसकी पत्नी, इसकी मां व बाप के साथ ही एक वकील के खिलाफ केस दर्ज किया है। 
पुर थाना पुलिस ने बीएचएान को बताया कि दादाबाड़ी निवासी रतन लाल पुत्र ज्ञानमल खटीक को जहरीली वस्तु सेवन से हालत बिगडऩे पर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस सूचना पर पुर थाने से दीवान भंवरलाल (बेल्ट नंबर 420) जिला अस्पताल पहुंचे और रतन लाल के बयान दर्ज किये। रतन ने पुलिस को दियेे बयान में आरोप लगाया कि उसकी शादी  2020 में ज्योति पुत्री मदन लाल सोलंकी के साथ हूई थी। पत्नी ज्योति के बच्चा होने वाला था। पत्नी को उसके मां -बाप ने बुला कर बिना पूछे अबोर्सन करा दिया। उसके बाद मेरे घर पर पत्नी को नही भेजा। युवक ने आरोप लगाया कि उसके मां -बाप व एक वकील, पीडि़त रतन लाल को धमकियां देने लगे कि तुझे झुठें दहेज के मुकदमें में उलझा देंगे। हमारी उपर तक बड़ी पंहुच है। तु हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता है।  वे, 10 लाख रुपये की मांग कर रहे है। धमकी दे रहे हैं कि रुपये नही दिये तो एक्सीडेंट में मरवा देंगे।  ना ही तेरा दुसरी जगह रिश्ता होने देंगे।  यही धमकियां बार -बार मिल रही थी। रतन लाल ने बयान दिये कि इसी के चलते उसने  परेशान होकर  े सेल्फोस की गोली खा ली। रतन ने कहा कि उसकी मृत्यु हो जाती है तो  मौत के जिम्मेदार उसकी पत्नी ज्योति, उसकी मां घीसी, उसका पिता मदनलाल एवं इसका वकील होंगे। इनकी वजह से ही उसने आत्म हत्या करने की कोशिश की थी।  जांच के दौरान परिवादी के पिता के बयान लिये गये। जांच के बाद पुलिस ने अपराध धारा 385 के तहत मामला दर्ज कर लिया। 

क्या है धारा 385 
सूत्रों के अनुसार, ज़बरदस्ती वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना या भय में डालने का प्रयत्न करना। इस अपराध के लिए  दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड, या दोनों से आरोपितों को दंडित किया जा सकता है।  यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है । यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

 

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