राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर एमजीएच में लगाया शिविर

 


भीलवाड़ा (हलचल)। राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर आज महात्मा गांधी अस्पताल में शिविर लगाया गया है। न्यूरोलोजी विभाग के डॉ. चन्द्रसिंह सिंह राणावत ने बताया कि मिर्गी जिसे ताण की बीमारी भी कहा जाता है। इस बीमारी में मरीज को अनियंत्रित झटके आते है, कभी कभी मरीज की जीभ तक भी कट जाती है, मरीज को पेशाब आ जाता है और मरीज बेहोश हो जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में बच्चों, जवान और उम्रदराज लोगों को भी आ सकती है। डॉ. राणावत ने बताया कि ताण की बीमारी का ईलाज संभव है। सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जाचें होती है और दवाईयां भी फ्री में मिलती है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में करीबन ताण की बीमारी के 8 करोड़ रोगी है। भारत में एक करोड़ 25 लाख मरीज है और राजस्थान में लगभग 8-10 लाख मरीज है। भीलवाड़ा जिले में कम से कम 28 हजार मिर्गी के मरीज है। 
डॉ. राणावत ने कहा कि जब भी मरीज को मिर्गी आये तो उसे करवट दिलाकर सुला दें और तकिया लगा दें ताकि सिर पर कोई चोट न लगें। जब तक मरीज होश में न आये तब तक उसके मुंह में पानी नहीं डालना है और न ही कोई चम्मच या हाथ न डालें। उसे तुरन्त अस्पताल लेकर आयें। मिर्गी का लाईलाज बीमारी नहीं है इसका ईलाज संभव है। अंधविश्वास में न रहकर दवाईयों से मिर्गी का उपचार किया जा सकता है।

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