पट्टे बांटने घर-घर पहुंचे तो गरीब तबके ने किया अधिकारियों का मालाओं से स्वागत

भीलवाड़ा (हलचल)। जिला कलक्टर एवं नगर विकास न्यास अध्यक्ष आशीष मोदी की अभिनव पहल से यूआईटी ने 35 लोगों को घर-घर जाकर पट्टों का वितरण किया। पट्टा मिलने पर लोगों में न केवल हर्ष है बल्कि उन्हें न्यास अधिकारियों का माला पहनाकर भी अभिनंदन किया है। यह पहला मौका होगा जब पट्टों को लेकर गरीब तबके ने न्यास के अधिकारियों के गले में माला डाली हो। अब तक तो पट्टों को लेकर न्यास पर आरोप ही लगते रहे है। 
जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष आशीष मोदी ने नगर विकास न्यास भीलवाड़ा द्वारा प्रशासन शहरों के संग अभियान को आमजन के लिये और सुगम बनाने के दृष्टिकोण से सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को घर-घर जाकर पट्टा वितरण कार्यक्रम के निर्देश दिये गये। मोदी की इस अनूठी पहल पर त्वरित कार्यवाही करते हुए न्यास की विशेषाधिकारी रजनी माधीवाल द्वारा न्यास की योजना / गैर योजना क्षेत्र में घर-घर जाकर पट्टे वितरण करने को लेकर न्यास अधिकारियों / कर्मचारियों के दल गठित किये गये तथा उक्त दलों द्वारा न्यास की संजय कोलोनी (आरसी व्यास योजना), राजस्व ग्राम मलाण, पांसल, जोधड़ास में मौके पर जाकर 35 व्यक्तियों को पहले दिन ही पट्टे वितरित किये गये। पट्टे वितरण करने के दौरान जब माधीवाल मौके पर पहुंची तो वहां गरीब तबके ने पट्टा मिलने पर न केवल खुशी जताई बल्कि दुहाएं देते हुए माधीवाल के गले में मालाएं भी डाली और उन्हें दुआएं भी दी। 
न्यास विशेषाधिकारी रजनी माधीवाल द्वारा स्वयं एक दल का प्रतिनिधित्व करते हुए योजना क्षेत्र में आमजन को घर-घर जाकर मौके पर ही पट्टे वितरित किये गये।
इस अवसर पर विशेषाधिकारी द्वारा मौके पर जमा हुए आम नागरिकों को जिला कलक्टर मोदी की इस अनुठी योजना से लोगो को बताया कि जो भी व्यक्ति पट्टा बनवाना चाहता है वह सीधा न्यास कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज की पूर्ति कर आवेदन करें ताकि राज्य सरकार की मंशा अनुसार रियायत दर पर पट्टा तैयार कर मौके पर ही पट्टा दिये जा सकें।
उधर पट्टाधारियों को पट्टा मिलने पर राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत सहित जिला कलक्ट मोदी का  आभार जताया ।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से न्यास में पट्टे में नहीं बनने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। इसे जिला कलक्टर ने गंभीरता से लिया और यह अनूठी पहल करने का फैसला लिया। लेकिन अभी भी इस व्यवस्था में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है। आम लोगों का कहना है कि पट्टे बनकर तैयार होने पर वितरीत घर-घर जाकर किये जायेंगे लेकिन पट्टा बनाने से पहले न्यास में दलालों का जो खेल चल रहा है उसे तोड़ा जाना जरूरी है। यह गठबंधन दलालों और कर्मचारियों के बीच मजबूत है। इसके बिना आम लोगों के पट्टे बनना संभव नहीं है। पट्टा बनाने के लिए लोगों को कई चक्कर लगाने पड़ते है। सीटों पर अधिकारी और कर्मचारी नहीं मिलते है। इसी का फायदा दलाल उठा रहे है और अब तक जो आरोप लग रहे है। लोगों की माने तो पट्टा बनाने के लिए दस से पन्द्रह हजार रुपए एक फाइल पर वसूले जा रहे है। 


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