लुटेरी गैंग ने उगला सिर फोडऩे का राज, बोले- शिकार से सारा माल निकलवाने के लिए सिर पर वार कर पैदा करते थे डर

 


  भीलवाड़ा बीएचएन। शहर में सरेराह आमजन के सिर फोड़कर या उन पर हमला कर नकदी, सामान लूटने वाली लुटेरी गैंग ने वारदात से जुड़े राज उगले हैं। पकड़े गये आरोपितों ने कबूला कि सिर फोडऩे के पीछे शिकार में डर पैदा कर कीमती और सारा माल निकलवाना था। उधर, पुलिस इन बदमाशों से पूछताछ कर रही है। बुधवार को इन बदमाशों को पुन: कोर्ट में पेश किया जायेगा। 
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक से पांच नवंबर तक अचानक उभरकर सामने आई लुटेरी गैंग ने शहर के प्रताप नगर, सुभाषनगर व सदर थाना इलाके में लूट व डकैती की दस वारदातों को अंजाम देकर कई लोगों के सिर फोड़ दिये और लूटपाट कर शहर में सनसनी फैला दी थी। 
इन्हीं में से एक वारदात  जो कि  5 नवंबर को मिर्ची मण्डी शमशान घाट के पास हुई थी, इस मामले में प्रताप नगर पुलिस ने सुनील धोबी, गौरव कोली,  राकेश बलाई और मोहित खटीक को एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। इन्होंने नींबू मिर्च बैचने वाले चौथमल  माली पर सरियों व डंडो से हमला कर मोबाइल लूट लिया था। 
रिमांड पर लिये गये इन आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि मोबाइल उन्होंने तोड़कर पांसल चौराहा स्थित एकता कॉलोनी के सामने कचरे के ढेर में फैंक दिया था। इसी कॉलोनी में इन बदमाशों ने किराये से कमरा लेकर शरण ले रखी थी। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस की टीम कचरा स्टैंड पहुंची और मोबाइल की तलाश करवाई। इस दौरान मोबाइल तो नहीं मिला, लेकिन मोबाइल पर लगा कवर वहां मिल गया, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया। 
इस बीच, इन बदमाशों से पुलिस ने आमजन पर हमले को लेकर भी पूछताछ की। इस पर बदमाशों ने कबूल किया कि वे, अपने शिकार (आमजन) पर हमला कर उनका सिर इसलिए फोड़ देते थे कि उनमें डर पैदा हो और वे इसी डर के मारे अपने पास रखा कीमती माल निकाल कर उनकों (लुटेरों) सुपुर्द कर दे। आरोपितों ने कबूला कि वे ज्यादातर गांजे का नशा करते थे। वारदात करने के बाद वे, अपने ठिकाने पर पहुंचते और सो जाते। इसके बाद दोपहर में उठकर नशा करते थे। इसके बाद रात को शिकार की तलाश में निकलने से पहले भी वे गांजे के कश लगाते थे। शराब भी ये आरोपित पीते थे। 

गोपाल ने लिया था किराये से कमरा
लुटेरी गैंग के पकड़े गये सदस्यों का कहना है कि उनका सरगना गोपाल धोबी है, जो अभी फरार है। उसने ही छिपने के लिए एकता कॉलोनी में किराये से कमरा लिया था। गोपाल की तलाश में छापेमारी की गई, लेकिन वह हाथ नहीं आया। गोपाल के फरार होने के कारण पकड़े गये आरोपितों से पुलिस जो भी सवाल करती, वे, गोपाल पर डाल देते हैं। ऐसे में पुलिस का कहना है कि गोपाल के मिलने के बाद ही कई सवालों के जवाब मिल पायेंगे। 

पुलिस ने जिसे बाल अपचारी माना, वो निकला बालिग
मामले की जंाच में जुटी प्रताप नगर पुलिस ने लुटेरी गैंग की गिरफ्तारी के दौरान तीन बदमाशों को बालिग मानकर गिरफ्तार, जबकि एक के नाबालिग होने की बात सामने आने पर उसे पुलिस ने निरुद्ध किया था। पुलिस ने उस निजी स्कूल से उक्त कथित बाल अपचारी का रेकार्ड निकलवाया। इसमें जन्म  2004 का बताया गया। पुलिस का कहना है कि यह आरोपित मोहित रेकार्ड के आधार पर 18 साल 2 माह का निकला। 

 

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