प्रदेश भाजपा की गुटबाजी एक बार फिर आई सतह पर,
राजसमन्द (हलचल ) वसुंधरा राजे के राजसमंद दौरे में दिखी संगठन की गुटबाजी,राजे से जिलाध्यक्ष मानसिंह समेत कार्यकारिणी ने बनाए रखी दूरी,दो दिवसीय दौरे में कार्यकारिणी सदस्य नहीं मिले राजे से, भाजपा से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने दी जानकारी,राजे के ऑफिस से दौरे से पहले ही किए थे कई नेताओं को फोन,लेकिन जयपुर से आलाकमान के संदेश के बाद कार्यकारिणी सदस्यों ने बनाई दूरी,बारां और झालावाड़ में सतीश पूनिया के दौरे पर राजे कैंप के नेता रहे थे दूर,इसलिए जिला कार्यकारिणी के सदस्य रहे राजे के दौरे से दूर,वसुंधरा के कार्यक्रम में भी इसी वजह हुआ था बदलाव,चारभुजा में विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ भी नैतिकता के नाते नहीं पहुंचे मिलने,दो दिवसीय दौरे में सिर्फ राजे कैंप के नेता ही रहे साथ में,राजसमंद जिले में सिर्फ विधायक दीप्ति माहेश्वरी, पुर्व विधायक हरी सिंह रावत वसुंधरा के साथ रहे, ऐसे में लगता है भाजपा में नहीं "ऑल इज वेल" वसुंधरा राजे ने रामकथा के मंच से भी कसा था कुर्सी के संघर्ष में पर तंज,कहा' आज तो सिंहासन के लिए संघर्ष हो रहा है। राजसमंद दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा,आज भारत में 130 करोड़ लोगों को विश्वास की आवश्यकता, भारतीयता में विश्वास की आवश्यकता,शेखावत ने वसुंधरा का किया अभिनंदन प्रदेश भाजपा में एकजुटता और मनमुटाव नहीं होने का दावा कलेही वाह आनंदिता कर रहे हो लेकिन जमीनी स्तर पर इस समय सब कुछ सही नहीं है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के राजसमंद दौरे के समय। यहां 2 दिनों तक जिला कार्यकारिणी सदस्यों ने राजे के सामने जाना तब मुनासिब नहीं समझा। वही हजारों की भीड़ में वसुंधरा राजे ने कुर्सी के संघर्ष को लेकर पंजाबी कर दिया। प्रदेश भाजपा में इस समय ऑल इज वेल नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दो दिवसीय राजसमंद दौरे के दौरान भाजपा की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। हालांकि वसुंधरा कैंप के नेता इस पूरी यात्रा को धार्मिक बताते हुए बचाव करते नजर आए, लेकिन राजसमंद जिला भाजपा कार्यकारिणी के नेताओं ने जयपुर से मिले निर्देश के बाद वसुंधरा राजे से दूरी बनाना ही मुनासिब समझा। सूत्रों की माने तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बारां और झालावाड़ दौरे के समय वसुंधरा राजे के करीबी कई नेताओं ने दूरी बना रखी थी। राजसमंद आने से पहले वसुंधरा राजे के ऑफिस की तरफ से जिले के कई भाजपा नेताओं को फोन कर मुलाकात करने के लिए बुलाया था। लेकिन जयपुर से मिले निर्देश के बाद कार्यकारिणी के सदस्य वसुंधरा राजे से दूरी बनाए रहे। विधायक दीप्ति माहेश्वरी पूर्व मंत्री श्री चंद कृपलानी भाजपा से निष्कासित रणधीर सिंह भिंडर पूर्व विधायक हरि सिंह रावत जैसे वसुंधरा राजे के करीब नेता ही उनके साथ खड़े नजर आए। चारभुजा दर्शन के दौरान वसुंधरा के मुख्यमंत्री कार्यकाल में राज्य मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह राठौड़ भी मिलने नहीं पहुंचे। ऐसे में भाजपा की गुटबाजी से नाराज हो वसुंधरा के कार्यक्रम में भी कई बदलाव देखने को मिले। उन्होंने रामकथा के मंच से हजारों की भीड़ के सामने की कुर्सी के संघर्ष पर तंज कस दिया। 1 वसुंधरा राजे पूर्व मुख्यमंत्री
Vo 2 वसुंधरा के राजसमंद दौरे के समय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी राजसमंद पहुंचे। दोनों ने एक समय नाथद्वारा में रामकथा में शिरकत की। यहां वसुंधरा राजे के संबोधन के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहां की आज देश के 130 करोड़ लोगों में विश्वास की आवश्यकता है भारतीयता की आवश्यकता है। विनोद ने कहा कि विश्वास स्वरूपम मूर्ति लोगों में विश्वास कायम रखने में अहम साबित होगी उन्होंने वसुंधरा राजे का प्राथमिक योगदान के लिए भी अभिवादन किया। वसुंधरा राजे के राजसमंद दौरे पर जिला कार्यकारिणी और अन्य जनप्रतिनिधियों की दूरी ने भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी को फिर सतह पर ला दिया है। जिसे देखकर लगता है कि यह गुटबाजी चुनाव के नजदीक आने के साथ ही और चरम पर पहुंचेगी। |
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