80 प्रतिशत बीमारी की जड़ विकृत मन की उपज है

 


चित्तौडगढ़/ भीलवाड़ा हलचल । । तन मन के स्वास्थ्य की संजीवनी राजयोग प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय  प्रताप नगर सेवा केंद्र पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने ऐश्वर्य महावाक्य उच्चारण करते हुए बताया की योग शब्द सुनने से ही हमारे मन मस्तिष्क में आसन प्राणायाम की छवि उभर आती है शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक एक्सरसाइज करना आवश्यक है मनोवैज्ञानिकों के अनुसार भी 80 प्रतिशत बीमारी की जड़ विकृत मन की उपज है तो क्या सिर्फ शारीरिक पहलू को ठीक करने से ही तू स्वास्थ्य की कामना पूरी होगी नहीं होगी उसके लिए हमें दूसरे पहलू मन को भी स्वस्थ रखना होगा शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए राजयोग एकमात्र हथियार है जिससे हम सुस्वास्था प्राप्त कर सकते हैं राजयोग एक ऐसा यंत्र है जो मन से उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म कीटाणुओं को ना सिर्फ खोज निकालता है बल्कि उसका निदान भी करता है राजयोग  एक छलनी की तरह है जो अच्छे व बुरे संकल्प वह विचारों को चाटने का कार्य करता है वर्तमान समय में जो महामारी फैली हुई है उसकी वैक्सीन तो बन चुकी है जो उस व्यक्ति को लगवा लेता है उसे वह बीमारी हो सकती है पर वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है तन की बीमारियों की तो हमने वैक्सीन लगवा ली पर मंकी बीमारियों की वैक्सीन कब लगाएंगे अगर नहीं लगाई तो शीघ्र लगवा ले यह व्यक्ति क्या होती है और कहां मिलती है जैसे तन की बीमारी होती है और इसके लिए अलग व्यक्ति लगवाने की जरूरत नहीं सभी रोगों की एक ही  vaccine है मैं कौन मेरा फोन और मुझे क्या करना है बस इतना मात्र जान  लेना ही वैक्सीन लगवाना है कुछ लोग सोच रहे होंगे कि हमको तो मालूम है तो आपको किसी भी प्रकार की चिंता फिक्र डर डिप्रेशन नहीं होना चाहिए और किसी के प्रति भी कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए अगर है तो अभी तक आपको व्यक्ति नहीं लगी तो डरने की कोई बात नहीं है उसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इस वक्त इनको लगवाने से कोई दर्द नहीं होता बुखार भी नहीं आता और यह निशुल्क है सभी ब्रह्माकुमारी विद्यालय में निशुल्क लगवाई जाती है अपने नजदीकी सेवा केंद्र पर संपर्क करें और यह वैक्सीन ऑनलाइन भी लगवाई जा रही है इससे हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे सदा खुश रहेंगे

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