तम्बाकु के सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में दी जानकारी

 

 नाथद्वारा /भीलवाड़ा हलचल।  राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं गिरीश कुमार शर्मा, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमन्द के निर्देशानुसार आज विश्व तम्बाकु निषेध दिवस के अवसर पर   जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद एव तालुका विधिक सेवा समिति, नाथद्वारा के सयुंक्त तत्वावधान में  मनीष कुमार वैष्णव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,राजसमन्द एवं  लक्ष्मीकांत वैष्णव, अध्यक्ष, तालुका विधिक सेवा समिति, नाथद्वारा द्वारा वर्चुअल माध्यम से आॅनलाईन विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

        मनीष कुमार वैष्णव सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जागरूकता शिविर कार्यक्रम का परिचय देते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को लोगों के बीच तम्बाकु सेवन के नुकसान के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व तम्बाकु निषेध दिवस का आयोजन किया जाता है।   वैष्णव ने बताया कि धुम्रपान करवाने वाला व्यक्ति स्वयं के स्वास्थ्य पर खतरे में डालता है साथ ही अपने आसपास में रहने वाले व्यक्तियों का जीवन भी खतरे में डालता है। तम्बाकु के सेवन से न केवल शारिरीक नुकसान होता है अपितु आर्थिक हानि भी पहुंचती हैं, साथ ही तम्बाकु के सेवन से गंदगी का प्रसार होता हैं जिससें कोरोना संक्रमण होने की प्रबल संभावना रहती हैं क्योंकि यदि संक्रमित व्यक्ति द्वारा खुले में धुम्रपान अथवा थुका जावेंगा तो अपने आसपास के क्षेत्र में सकं्रमण का प्रसार करेगा।  तम्बाकु सेवन से कैंसर होने का सर्वाधिक संभावना रहती है। जिससें स्वयं एवं उसके परिवार को मुसीबतों का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए श्री वैष्णव ने सभी प्रतिभागियों को न तो स्वयं तम्बाकु के सेवन करने एवं ना ही अपने परिजन, मित्र, पडोंसी को तम्बाकु का सेवन नहीं करने के लिये जागरूक करने का आह्वान किया।
        इस अवसर पर अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, अपर जिला एवं सेषन न्यायाधीष नाथद्वारा   लक्ष्मीकांत वैष्णव ने विष्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जानकारी देते हुए बताया कि लोगों द्वारा तम्बाकू का सेवन अलग-अलग रूपों में लिया जाता है जैसे तम्बाकू खाकर, सिगरेट पीकर आदि इस प्रकार किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तम्बाकू का सेवन करने से शरीर में निकोटिन का स्तर बढ़ जाता है जिससे हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, कैेंसर आदि बीमारियाॅं हो जाती है। तम्बाकू का सेवन करने वाले व्यक्ति की जीवन प्रत्याक्षा आम व्यक्ति से 10 साल तक कम हो सकती है। एक सिगरेट पीने से करीब 1 मिलिग्राम निकोटिन की मात्रा हमारे शरीर में चली जाती है जो आगे चल कर बहुत ही बड़ी बीमारी का रूप धारण कर लेती है। तम्बाकू की लत को छोड़ने के लिए गाजर, अजवाईन, बादाम, सुरजमुखी के बीज, सौंफ आदि का उपयोग भी किया जा सकता है। किसी विद्यालय एवं अस्पताल के समीप तम्बाकू आदि बेचना भी दण्डनीय अपराध है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जो मनुष्य धुम्रपान करता है एवं तम्बाकू आदि का सेवन करता है, उसके कोरोना के चपेट में आने की सम्भावना एवं कोरोना होने पर स्वास्थ्य पर भी आम व्यक्ति से अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है।
        इस अवसर पर राजकीय विद्यालय, कुम्भलगड़ के अध्यापक श्री कैलाष सामोता ने भी तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि अगर तम्बाकू सेवन करना अच्छा है तो उसे उपयोग करते हुए थूकने की क्या आवष्यकता है, उसे शरीर में निगलते क्यों नहीं है। अतः तम्बाकू सेवन करना जानलेवा है इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

 

    न्यायालय परिसर को  सैनिटाईज किया

  वर्तमान में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है, जिससे बचाव हेतु एवं कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराईट सोल्यूषन से न्यायालय परिसर को सैनिटाईजिंग किया जाता रहा है जिसके क्रम में आज  भी नाथद्वारा न्यायालय परिसर, चेम्बर, कक्ष एवं कार्यालय बार एसोसिएषन नाथद्वारा को हाइपोक्लोराईट सोल्यूषन से सैनिटाईज किया गया जिसका उद्देष्य कोविड-19 के प्रसार को रोका जाना है। 
 

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