मौसमी बुखार से बचाव के लिए ऐसे करें इमली की पत्तियों का सेवन


लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के दिनों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इस मौसम में मच्छर के काटने से कई बीमारियां पनपती हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस और चिकनगुनिया शामिल हैं। खासकर डेंगू और मलेरिया से बचाव जरूरी है। इसके लिए साफ़-सफाई का विशेष ख्याल रखें। साथ ही पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें। इसके अलावा, रात में मच्छरों के आतंक से बचने के लिए रेपेलेंट का इस्तेमाल करें। वहीं, बरसात के दिनों में मौसमी बुखार से पीड़ित होने पर इमली की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं। कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि मौसमी बुखार में इमली की पत्तियों का सेवन फायदेमंद होता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

इमली

इमली का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। आयुर्वेद में इसका औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, किचन में इमली की चटनी बनाई जाती है। इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन-सी, विटामिन-बी1, बी2, बी3, के, बी5, बी6, फोलेट, कॉपर और सेलेनियम पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। साथ ही इमली में एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल के गुण भी पाए जाते हैं।

कैसे करें सेवन

कई शोधों में जिक्र किया गया है कि इमली की पत्तियों में एंटी-वायरल और एंटी-फंगल के गुण पाए जाते हैं, जो मौसमी बुखार समेत मलेरिया में प्रभावशाली होते हैं। इसके लिए मलेरिया के मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेकर इमली की पत्तियां सेवन करने के लिए दे सकते हैं। इसके लिए 2-4 इमली की पत्तियों को चबाकर सेवन करें। इसके बाद पानी पिएं। साथ ही इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। डाइट चार्ट की मानें तो इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 23 होता है। जीआई मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। साथ ही इसमें कई अन्य पोषक तत्वों के साथ फाइबर पाए जाते हैं। इन गुणों के चलते डायबिटीज के मरीज इमली का सेवन कर सकते हैं।डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 

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