कोरोना से चाचा की मौत, भतीजे ने शव को नदी में फेंका, वीडियो वायरल

 

बलरामपुर : इतनी असंवेदनशीलता...सोचना भी मुश्किल है. चाचा की कोरोना से अस्पताल में मौत हो गई. उनके शव को घर ले जा रहे युवक ने साथी की मदद से पुल से राप्ती नदी में फेंक दिया. घटना शनिवार दोपहर तुलसीपुर हाईवे के सिसई घाट की है. किसी कार चालक द्वारा घटना का बनाया गया वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा. फिर जांच कराई गई और आरोपी व उसके साथी पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

बलरामपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. कोरोना पीड़ित के शव को घर ले जा रहे परिजनों ने तुलसीपुर हाईवे पर स्थित राप्ती नदी के सिसई घाट से शनिवार की दोपहर बारिश के दौरान एक शव नदी में फेंक दिया. मामले का वीडियो वायरल हो जाने से प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.

शव फेंके जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एडीएम ए के शुक्ल ने मामले की जांच सीएमओ को सौंपी. सीएमओ डॉक्टर वी बी सिंह ने बताया कि जांच के बाद पता चला है कि सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ निवासी प्रेम नाथ मिश्रा को गत 25 मई को दिन में सांस लेने में दिक्कत हुई थी. उनके भतीजे संजय कुमार ने प्रेमनाथ को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया था. इलाज के दौरान 28 मई को प्रेमनाथ की मौत हो गई. 29 मई की दोपहर प्रेमनाथ का शव भतीजे संजय कुमार ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्राप्त किया. शव को घर ले जाते समय संजय कुमार तथा उसके साथी ने बारिश के बीच शव पुल से राप्ती नदी में फेंक दिया और फरार हो गए

शव को फेंकने के दौरान कार से गुजर रहे कुछ लोगों ने घटना का वीडियो बना लिया. इसी के आधार पर देहात कोतवाली में संजय कुमार तथा उनके एक अज्ञात साथी के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज करा दिया गया है. देहात कोतवाल विद्यासागर वर्मा ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है.

बता दें, कोरोना काल के दौरान मई महीने में बड़ी संख्या में शव प्रदेश के कई जिलों में गंगा नदी में उतराते देखे गए थे. इससे प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. तब लोगों में आम धारणा यह थी कि कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में हो रही मौतों से शवों का अंतिम संस्कार भी ठीक से नहीं हो पा रहा है. संवेदनाओं को झकझोर देने वाला शव फेंके जाने का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा