केमिकल मॉडलिंग, डिजाईन एंड डेवलपमेंट फॉर सस्टेनेबल लाइफ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न

 


 

 

भीलवाड़ा (हलचल ) । संगम विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा केमिकल मॉडलिंग, डिजाईन एंड डेवलपमेंट फॉर सस्टेनेबल लाइफ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन 27-28 मई को किया गया। पहले दिन शुभारंभ सत्र में कार्यक्रम की कन्वीनर डा प्रीति महता ने वेबीनार के उदेश्यो के बारे में जानकारी दी। अपने स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो के पी यादव ने केमिकल मॉडलिंग की उपयोगिता  के बारे में बताया। एडवाइजर प्रोफेसर अखिलेश कुमार ने चेंज और इनोवेशन के लिए न्यू डिजाइन डेवलपमेंट के साथ डिसिशन ,इंप्लीमेंटेशन और रिलाएबल परफॉर्मेंस के महत्व को बताया। वेबिनार के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए काशीपुर उत्तराखंड के फार्मास्यूटिकल रिसर्च साइंटिस्ट प्रो शिशिर नंदी ने  रिफ्रेशिंग ऑफ नेचुरल एंड सिंथेटिक कीमोथेरेपी टिप्स टो कॉम्बैट कोविड-19 पर अपना व्याख्यान दिया और कोरोना वैक्सीन के रूप में इम्यून सिस्टम को बढ़ाने वाले प्राकृतिक पदार्थों व टेक्नोलॉजी के बारे में बताया।

 

दितीय सत्र में जे आर एन विश्वविद्यालय उदयपुर के प्रो. रक्षित आमेटा ने कोरोना काल के इस कठिन समय में पावर ऑफ पॉजिटिव थॉट विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के महत्व को बताया। टेक्नोलॉजी के साथ व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त होना जरूरी है। व्यक्ति के विचार ही उसके व्यक्तित्व को दर्शाते हैं।

 

 वेबीनार के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर राजीव मेहता ने अपने उद्बोधन में सभी शोधार्थियों को विषयांतर्गत शोध कार्य करते हुए रचनात्मक परिणाम प्राप्त करने का आह्वान किया वक्ता के तौर पर जीडी गोयंका विश्वविद्यालय, गुड़गांव की एसो. प्रोफेसर डॉ प्रियंका शर्मा ने ड्रग डिजाइनिंग की तकनीक को समझाया। द्वितीय सत्र में डॉक्टर प्रीती मेहता ने ग्रीन केमिकल टेक्नोलॉजी एडवांस ऑक्सीडेशन प्रोसेस द्वारा एफ्लूएंट ट्रीटमेंट पर अपना व्याख्यान दिया। आयोजन सचिव पंकज सेन ने बताया कि इस वेबीनार में देश के 20 से अधिक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डिप्टी डीन अप्लाइड साइंस डॉ हरीश नागर ने रसायन विभाग को इस सफलतम आयोजन के लिए बधाई दी। वेबीनार का संचालन चारुल सोमानी द्वारा किया गया।

 

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