चार मासूम बच्चों व दंपती की तलवार से गला काटकर हत्या के आरोपित शराफत व राजेश को फांसी की सजा

 


 भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल।  अजमेर हाइवे पर हीरा जी का खेड़ा में एक दंपती व  बेरां चौराहे पर दो से दस साल के चार बच्चें की 7  साल पहले हुई 6 नृशंस हत्या के मामले में  एडीजे (महिला उत्पीडऩ प्रकरण ) ने शनिवार को अहम फैसला सुनाया है। न्यायालय ने इस खौफनाक हत्याकांड के मुख्य आरोपित शराफत व इसके राखीबंद भाई राजेश खटीक को फांसी की सजा से दंडित किया है। दोनों पर क्रमश: 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।  बता दें कि आरोपित शराफत खान पुत्र सलीम खान नगरपालिका कर्मचारी कॉलोनी निम्बाहेड़ा, जबकि राजेश पुत्र रतन खटीक, मध्यप्रदेश के नीमच जिले के चौधरी मोहल्ला कुकडेश्वर का निवासी है। 
विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने बीएचएन को बताया कि इस सनसनीखेज हत्याकांड में अभियोजन पक्ष ने दोनों कातिलों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान करवाते हुये 153 दस्तावेज पेश किये थे।  उल्लेखनीय है कि जिले के मांडल व रायला थाना क्षेत्र में निम्बाहेड़ा के 38 वर्षीय युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया 35, बेटे अशरफ 10, बेटी गुडिय़ा 7, साजिया उर्फ आशिदा 4 व शकीना 2 को जियारत के बहाने यहां लाकर हत्या कर दी थी।  एक ही परिवार के 6 सदस्यों की  खौफनाक हत्या से पूरा क्षेत्र सहम उठा था।   

खौफनाक कत्ल का यह था घटनाक्रम 
 विशिष्ट लोक अभियोजक  बापना  का कहना है कि 28 जुलाई 2015 को सुबह मांडल पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला व आदमी की लाशों हीराजी का खेड़ा जाने वाले रास्ते पर पड़ी है। सूचना पर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। भीड़ जमा थी। ग्राम पंचायत आरजिया सरपंच बाबूलाल ने रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि हाइवे के किनारे दो लाशें होने की सुबह जल्दी सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचने पर हीराजी का खेड़ा रेलवे पुलिया के पास हाइवे के नजदीक ये लाशें मिली। मौके पर खून पड़ा था। महिला की चूडिय़ां टूटी हुई थी। संघर्ष के निशान थे। पुलिस ने एफएसएल को बुलाया। 

कमीज पर लगे स्टीकर को माना सुराग, पुलिस के आगे बढ़ते गये कदम
मृतक के कमीज की कॉलर पर मोरवार टेलर्स निम्बाहेड़ा का एक स्टीकर लगा मिला था, जिस पर फोन नंबर भी लिखे थे। 28 जुलाई को ही पुलिस ने टेलर से संपर्क किया। उसने कमीज व मृतक का फोटो देखकर शव की पहचान युनूस भाई के रुप में की। यह भी बताया कि वे, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निम्बाहेड़ा में रहते हैं। पुलिस उसके घर पहुंची, जहां ताला लगा मिला था। पड़ोसन डाली ने भी फोटो देखकर शव की पहचान युनूस के रुप में की। 

पड़ोसन तक पहुंची पुलिस, बोली- जियारत करने अजमेर जाने की कर रहे थे बात
पड़ोसन डाली से जब युनूस के बच्चों के बारे में पूछा तो उसने बताया कि 27 जुलाई की रात साढ़े दस बजे दोनों पति-पत्नी व चार बच्चे जियारत करने अजमेर जाने की कह रहे थे। ऐसे मे पुलिस अब परेशान हो गई थी कि पति-पत्नी की लाशें मिलने के बाद बच्चों का पता नहीं चला। वे, जिंदा भी हैं या नहीं। पुलिस को कुछ समझ नहीं आ रहा था। 

बंद मकान खोला तो चला दुश्मनी का पता 
पुलिस ने मृतक युनूस के मकान की पड़ौसियों की मौजूदगी में तलाशी ली तो फैमिली का ज्वांईट फोटो मिला। साथ ही एक मोबाइल नंबर भी पुलिस को वहां मिला, जिस पर कॉल करने पर हैदर अली ने कॉल रिसीव किया। उसे युनूस व उसकी पत्नी की हत्या होना बताया। हैदर ने युनूस को अपना बेटा बताया। साथ ही उसकी दुश्मनी पड़ोस के सलीम से होने की बात कही। डाली बाई ने भी पुलिस को बताया कि सलीम की एक माह पहले मौत हो गई थी।

कातिलों तक पहुंच गये पुलिस के हाथ 
पुलिस मामले की जांच को गति देते हुये सलीम के घर नगरपालिका कॉलोनी जा पहुंची थी। जहां पुलिस को शराफत मिला, उसने खुद को सलीम का इकलौता बेटा बताया। पुलिस ने उससे 28 जुलाई की रात में उसकी मौजूदगी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह अपने राखीबंद भाई राजेश के साथ अजमेर गया था। राजेश भी पुलिस को वहीं मिला। दोनों के हालात संदिग्ध लगे थे। 

पुलिस के आगे नहीं टिका कातिलों का झुंठ, कबूले 6 कत्ल 
पुलिस ने शराफत व राजेश से अलग-अलग पूछताछ की थी। दोनों पहले तो पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन बाद में कड़ाई से पूछताछ में दोनों टूट गये और 6 कत्ल करना कबूल कर लिया। ऐसे में पुलिस ने दोनों को डिटेन कर गहनता से पूछताछ की। 

पिता के थे चांदतारा से अवैध संबंध,  बहन से युनूस ने की अभद्रता - शराफत 
 हत्या आरोपित शराफत ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया था कि उसके पिता के युनूस की पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया से अवैध संबंध थे। जो उसे सहन नहीं होता था। वह, बाप को कुछ नहीं बोल सकता था। वह मन ही मन गुटता था। एक माह पहले पिता सलीम की मौत हो गई थी। शराफत ने कबूला था कि 40 वें के खाने के लिए कहने मेरी युनूस के घर गई। जहां युनूस ने बहन से अभद्रता की। वह रोती हुई आई और आपबीती उसे बताई थी। लेकिन घर में काम होने से वह चुप रहा। जहन में बात खटकने लगी थी। 

 पूरे परिवार को ठिकाने लगाने की बनाई थी योजना
आरोपित शराफत ने कबूल किया कि पिता के चांदतारा से अवैध संबंध में युनूस के द्वारा बहन के साथ अभद्रता को लेकर वह मन ही मन गुट रहा था। इसी के चलते उसने राखीबंद भाई राजेश के साथ मिलकर युनूस व उसके पूरे परिवार को ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी। इसी योजना को अंजाम देने के लिए उसने युनूस व उसके परिवार को जियारत के लिए तैयार किया। 

  जियारत के बहाने ले आया था परिवार को
शराफत, 27 जुलाई की रात युनूस, उसकी पत्नी चांदतारा, चार बच्चों में बेटे अशरफ, बेटियां गुडिय़ा, साजिया व शकीना को षड्यंत्र के तहत उदयपुर में पंजीकृत टवेरा वाहन में बैठाकर निम्बाहेड़ा से रवाना हुआ। उसके साथ राखीबंद भाई राजेश खटीक भी था। आधीरात को भीलवाड़ा में धूलखेड़ा के पास गाड़ी को सड़क से नीचे उतारा। टवेरा में पहले से तलवार रखी थी। 

युनूस व चांदतारा पर किये तलवार से वार,शव गड्ढे में फैंके
टवेरा को रोकने के बाद पहले से गाड़ी में रखी तलवार निकाल कर  युनूस उर्फ सोनू व  इसकी पत्नी चांदतारा पर ताबड़तोड़ वार किये, जिससे दोनों की मौत हो गई। दंपती के शवों को आरोपितों ने पानी से भरे गड्ढे में धकेल दिये। ये हृदयविदारक वारदात चारों बच्चे देख रहे थे। इसके चलते वे, चीखने-चिल्लाने लगे। इस पर दोनों आरोपित टवेरा से इन बच्चों को वहां से लेकर रवाना हो गये। 

मां-बाप  का कत्ल देखकर चीखने वाले  चार मासूम भाई-बहनों की तलवार से काट दी थी गर्दनें
शराफत ने कबूला कि वह और राजेश, हत्या शिकार दंपती के बेटे व तीन बेटियों को अजमेर हाइवे पर ही बेरां चौराहे से आगे रोड़ साइड में ले गये। जहां एक-एक बच्चे को गाड़ी से निकाल-निकाल  कर उनकी गर्दनें तलवार से काटते हुये शवों को पानी से भरे गड्डे में फैंक दिये थे। इसके बाद वे निम्बाहेड़ा लौट गये थे। पुलिस ने दोनों को 28 जुलाई को ही गिरफ्तार कर लिया था। 

रात में  बरामद किये थे बच्चों के शव
28 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद रात में ही शराफत व राजेश खटीक की निशानदेही पर पुलिस ने चारों मासूम बच्चों के शव पानी से भरे गड्ढे से बरामद किये थे। बाद में परिजनों के आने पर सभी 6 शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। 

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