बनास में आया पानी, किसान खुश-की पूजा, उद्योगपतियों की कालिख से मिली मुक्ति

 


भीलवाड़ा (हलचल/प्रहलाद तेली)। मातृकुण्डिया बांध के ओवरफ्लो होने के बाद गेट खोले जाने से कई सालों पश्चात बनास नदी में पानी आया । इसे लेकर हमीरगढ़ के लोगों ने भीलवाड़ा की गंगा मानी जाने वाली बनास की पूजा अर्चना की। वहीं मंगरोप क्षेत्र में लोगों को काले पानी से मुक्ति मिली है। वहीं यहां अवैध मत्स्य आखेट करने वालों का मेला लगा है जिससे हादसे से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मातृकुण्डिया बांध कई सालों बांध ओवरफ्लो हुआ है। वहीं ऊपर बारिश का दौर बना रहने से कोठारी में कई सालों बाद अच्छी पानी की आवक हुई है। इससे नदी के सेजा क्षेत्र के किसानों में उत्साह है और उन्होंनेे इसी खुशी में गंगा मानी जाने वाली बनास नदी की पूजा अर्चना भी की और विधि विधान के साथ ओढनी और नारियल भेंट किया। दूसरी ओर बनास में पानी आने से सेजा क्षेत्र के कुओं में पानी की आवक होगी और इससे आगामी रबी की फसलें भी अच्छी होने की उम्मीद बंधी है। वहीं लोगों का कहना है कि उद्योगपतियों के काले पानी के पाप भी बनास ने धो डाला है। मंगरोप के एनिकट में अब स्वच्छ पानी नजर आने लगा है।  लेकिन वहां मत्स्य आखेट करने वालों का मेला लगा है। तेज बहते पानी में जाल डालकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है लेकिन पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

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