छह दिन की दहशत का अंत, पकड़ा गया पैंथर, अधिकारियों के बड़े-बड़े दावे फेल

 


कोटा जिले के नांता महल में पिछले एक सप्ताह से विचरण कर रहा पैंथर बुधवार देर रात वन विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा पकड़ा गया। इसे ट्रेंकुलाइज करके मौके पर ही इसकी जांच की गई। बघेरे के स्वस्थ होने के प्रति आश्वस्त होने के बाद इसे अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया। इसके साथ ही नांता क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस ली।

बता दें कि बघेरे के रेस्क्यू हो जाने के बाद वन मंडल कोटा के बड़े आला अफसरान के दावों की पोल खुल गई। डीसीएफ अनुराग भटनागर ने कहा था कि पैंथर मादा है। इसके पैर छोटे हैं, पैरों की अंगुलियों के बीच में जगह कम है। इसके पद चिन्ह इस बात की पुष्टि करते हैं। लेकिन जब बघेरा पकड़ में आया तो निकला नर। अब बेचारे अधिकारियों की हालत पतली हो गई। जनता और मीडिया से बात भी करे तो कैसे?

पैंथर पानी पीने के लिए नांतागढ़ से बाहर आया...
वन मंडल सकतपुरा नाके के वनपाल ने बताया, पैंथर पानी पीने के लिए नांतागढ़ से बाहर आया। पहले से तैयार टीम ने ट्रेंकुलाइज करने के लिए शॉट लगाया। पहले ही शॉट में डॉट लग गई। शॉट लगने के बाद पैंथर महल में अंदर भाग गया। करीब 15 मिनट बाद टीम ने ने महल में अंदर जाकर बघेरे को ढूंढना शुरू किया और कुछ समय बाद ही ये टीम को मिल गया। फिर मौके पर वेटेरिनरी हॉस्पिटल की टीम ने बघेरे का स्वास्थ्य परीक्षण किया। बघेरे के स्वास्थ्य परीक्षण में इसके पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की जानकारी मिली। मेडिकल जांच के बाद इसकी उम्र करीब 3 से 4 साल बताई जा रही है।

स्थानीय निवासी खुशी से झूम उठे...
पैंथर के पकड़े जाने की सूचना से स्थानीय निवासी खुशी से झूम उठे। उन्होंने पटाखे चलाकर एक दूसरे को बधाईयां देकर अपनी खुशी का इजहार किया। बघेरे को पकड़ने में कोटा मंडल के नाकाम हो जाने के बाद सवाईमाधोपुर से बुलाई गई एक्सपर्ट दस्ते ने राजवीर के नेतृत्व में गढ़ में मोर्चा संभाला। इस टीम में डॉक्टर सीपी मीणा, लाडपुरा रेंजर कुंदन सिंह वनपाल, वीरेंद्र सिंह हाड़ा, हरिमोहन, धर्मेंद्र चौधरी, रमेश चंद मीणा, बुधराम जाट, कमल प्रजापति और राधेश्याम सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।

 

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