गले की समस्या और ऑक्सीजन की कमी को दूर करेंगे प्राणायाम - जसबीर योगाचार्य


 श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय कल्याण लोक जावदा निंबाहेड़ा के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष सहायक आचार्य जसबीर योगाचार्य ने बताया कोरोना संक्रमण में सबसे पहले दो-दो जगह समस्या आती हैं, गले में और फेफड़ों में आती हैं। जिससे वायु अंदर रुक कर जाती है और ऑक्सीजन की कमी हो जाती हैं। जिससे शरीर में घबराहट, बेचैनी महसूस होने लगती हैं। इन परिस्थितियों में व्यक्ति को भ्रामरी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम और उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। भ्रामरी के प्राणायाम  के अभ्यास करने से मन शांत, बेचैनी दूर होती हैं, उज्जायी प्राणायाम करने से गले संबंधी समस्या दूर होती हैं और भस्त्रिका का सामान्य अर्थ है धौकबनी। यह प्राणायाम भस्त्र या धौंकनी की तरह कार्य करता है, यह ताप को हवा देता है। जसबीर योगाचार्य ने बताया कि यह प्राणायाम करने से शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को दूर और ऑक्सीजन की कमी को पूरा करता है।


 


प्राणायाम करने के तरीका : सुबह नित्यकर्म से निवृत्त होकर किसी सुविधानुसार आसन में बैठ जाएं, आसन नहीं लगा सकते हैं, तो कुर्सी का प्रयोग हर सकते हैं, मेरुरज्जु को सीधा रखें। 


भ्रामरी प्राणायाम में हाथों की (शनमुखी मुद्रा) दोनों हाथों के अंगूठों को दोनों कानों पर रखेंगे, तर्जनी अंगुली ललाट पर होगी, मध्यमिका और अनामिका अंगुली आंखों पर रखेंगे कनिष्ठिका अंगुली नाक के सामने रखेंगे उसके बाद लंबा गहरा श्वांस लेंगे और श्वांस को छोड़ते हुए भ्रमर ध्वनि करेंगे।


 


उज्जायी प्राणायाम : गले का संकोच करते हुए श्वांस ले, रोके, फिर दाई नासिका को बंद करेंगे और बाईं नासिका से श्वांस छोडेंगे। 


भस्त्रिका प्राणायाम : धीरे-धीरे श्वांस लेंगे और एक साथ पूरी श्वांस को छोड़ेंगे। इसी तरह 5 से 7 बार इसी तरह करेंगे, तो दूषित वायु बाहर और शुद्ध वायु अंदर पहुंच जाएगी। श्वांस वायु के सभी द्वार अच्छी प्रकार से खुल जाएंगे। प्राणायाम करते समय मन में संकल्प हो यह प्राण वायु मेरे पूरे शरीर में व्याप्त हो रही हैं। 


 


सावधानी : भस्त्रिका प्राणायाम उच्चरक्तचाप या पेसमेकर वाले न करें, अत्यधिक गर्मी में न करें सुबह खाली पेट करें 


विशेष : सभी प्राणायाम सुबह शाम करें तो आपको फायदा ज्यादा मिलेगा, परंतु भ्रामरी और उज्जायी में पाबंदी नहीं हैं करने की। 


 


लाभ : शरीर को शुद्ध वायु प्राप्त होती हैं, मन शांत होता हैं, गले संबंधी, थायराइड संबंधी, कोरोना संबंधी समस्या दूर होती हैं। जठराग्नि मजबूत होती है। नजला, जुकाम , खांसी संबंधी समस्या दूर होती हैं।

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