भावुक हुए महमूद मदनी, मुसलमानों के हालात पर बात करते हुए निकल पड़े आंसू

 

उत्तर प्रदेश के देवबंद में आज जमीयत का जलसा चल रहा है। इस दौरान देशभर के मुसलमान इकट्ठा हुए हैं। इस जलसे में मुल्क में मुसलमानों के हालात की बात हुई, ज्ञानवापी और मुथरा ईदगाह पर भी मंथन होना है। सम्मेलन को सबसे पहले मौलाना महमूद मदनी ने संबोधित किया। मदनी ने मुसलमानों की बात की लेकिन उनका अंदाज ओवैसी से एकदम जुदा था। ओवैसी की तरह मदनी के टारगेट पर मोदी तो थे, लेकिन अंदाज भड़काऊ नहीं शायराना था। मुसलमानों पर बात करते-करते मदनी भावुक भी हो गए।  

महमूद मदनी ने क्या कहा?

देवबंद में जमीयत के जलसे के दौरान काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद के विवाद के बीच मौलाना महमूद मदनी ने देश के मुसलमानों को बड़ा संदेश दिया है। देवबंद में चल रहे जमीयत के जलसे में मुस्लिम धर्म गुरू महमूद मदनी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि नफरत का बाजार सजाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं। नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता है। आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता। मदनी ने कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है। मदनी ने मुसलमानों के सब्र की तारीफ की और कहा कि बेइज्जत होकर भी खामोश रह जाना कोई हमसे सीखे। देश में हमें अजनबी बना दिया गया है। 

"उसी लहजे में जवाब देंगे तो वे कामयाब होंगे"

मदनी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधक समिति के दो दिवसीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही। मदनी ने देश में हाल में हुई कुछ साम्प्रदायिक घटनाओं का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘‘देश में बहुमत उन लोगों का नहीं है जो नफरत के पुजारी हैं और अगर हम उनके उकसावे में आकर उसी लहजे में जवाब देंगे तो वे अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में नफरत की दुकान चलाने वाले मुल्क के दुश्मन हैं, गद्दार हैं और विरोधी देश के एजेंट हैं।" 

"...और बात अखंड भारत की करते हैं"

जमीयत प्रमुख ने दावा किया, "देश में मुसलमानों का चलना दूभर कर दिया गया है और बात अखंड भारत बनाने की की जाती है।’’ उन्होंने कहा, "आप इस मुल्क के साथ दुश्मनी कर रहे हैं, आप पीछे मुड़ के देखें, आप क्या पा रहे हैं और क्या खो रहे हैं।" मदनी ने कहा, "हम कमजोर हैं और हर जुल्म बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन अपने वतन पर आंच कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ऐसा हमारी कमजोरी की वजह से नहीं, बल्कि हमारा मजहब हमें सिखाता है।" 

सरकार को भी किया आगाह

मदनी ने कहा, हमारे बुजुर्गों ने बहुत मेहनत से मुल्क को आजादी दिलाई है और अगर किसी ने किसी चीज को हासिल करने के लिए कुर्बानी दी होती है तो उसे उस चीज की, उस घर की ज्यादा फिक्र होती है।’’ उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सत्ता हमेशा नहीं रहती है, कौमें हमेशा रहती हैं। उन्होंने सरकार और मीडिया से गुजारिश की कि वे लोगों के बीच बढ़ती ‘नफरत’ की खाई को कम करने के लिए काम करें। 

बता दें कि जमीयत के सम्मेलन में देशभर से मुसलमान जुटे हैं। इसमें ज्ञानवापी और मुथरा ईदगाह पर मंथन होना है। 2 दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में मदनी आज आधे घंटे तक जमकर बोले। जमीयत के सम्मेलन में मदनी आज बिल्कुल अलग अंदाज में नज़र आए। उन्होंने आज बार-बार शायराना अंदाज में अपनी बात कही।

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा