लोकसेवकों से पूछताछ के लिए अब एसीबी को लेनी होगी मंजूरी, ट्रैप की कार्रवाई पर रोक नहीं


राजस्थान में अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों पर सीधी कार्रवाई नहीं कर सकेगा। अब एसीबी को लोकसेवकों पर कार्रवाई करने से पहले संबंधित प्रशासनिक विभाग से अनुमति लेनी होगी। राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से जारी भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की एसओपी को राज्य में लागू कर दिया है।आदेश के अनुसार लोक सेवकों की ओर से शासकीय कार्यों के दौरान लिए गए निर्णयों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर एसीबी की ओर से पूछताछ, जांच और अनुसंधान के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार मंत्रीगण, विधायक, सातवें वेतन आयोग के तहत पे लेवल 15 और इससे ऊपर के लोक सेवक, विभिन्न बोर्ड, आयोग, निगम, राजनीतिक इकाइयों के चेयरमैन और सदस्यों से एसीबी में कार्यरत पुलिस महानिदेशक या इसके समकक्ष स्तर के अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी के स्तर से अनुमति प्राप्त करने के बाद पूछताछ और जांच कर सकेंगे।वहीं पे लेवल 21 से 24 तक के लोक सेवकों से पूछताछ के लिए एसीबी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक या इसके समकक्ष अधिकारी ही सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त कर पूछताछ और जांच कर सकेंगे। राज्य सेवा के अधिकारियों के पे लेवल 12 से 20 तक के लोक सेवकों से पूछताछ और जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक या पुलिस उप महानिरीक्षक या समकक्ष स्तर के अधिकारी और अधीनस्थ, मंत्रालयिक के साथ चतुर्थ श्रेणी के लोक सेवकों से पूछताछ और जांच के लिए पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक या उप पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की ओर से संबंधित प्रशासनिक विभाग के सक्षम प्राधिकारी के स्तर से अनुमति प्राप्त करनी होगी। यह नियम ट्रैप के प्रकरणों में लागू नहीं होगी।

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