रेपिड रोविंग टीम ने किया फसलों का अवलोकन

 


भीलवाड़ा BHN
कृषि विभाग के अधिकारियों, कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं भारत सरकार के संगरोध विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बनाए गए रेपिड रोविंग सर्वे टीम ने बुधवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर किसानों से बात की।
कृषि विभाग के उपनिदेशक कृषि विस्तार रामपाल खटीक ने बताया कि टीम ने मांडल, रायला, लिरडिया खेडा, कंवलियास, सरेरी, रूपाहेली, आगूचा, डाबला, घरटा, लाम्बिया, मुशी, बनेड़ा, बडा महुआ, कोदूकोटा, बन का खेड़ा, सवाईपुर आदि गांवों का भ्रमण किया और फसलों का अवलोकन कर किसानों से मुलाकात की। क्षेत्र में मुख्य रूप से 2018 में आए एक विदेशी कीट का 10 से 20 प्रतिशत प्रकोप गया। उपनिदेशक कृषि ने बताया कि इसकी एक रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजी जा रही है ताकि इस कीट का प्रभावी नियंत्रण करने हेतु कीटनाशी दवाओ पर अनुदान देकर प्रकोप से बचाया जा सके ।
कृषि महाविद्यालय के कीट वैज्ञानिक डॉ. किशन जीनगर ने बताया कि खरीफ फसलों में मुख्यतया मक्का, कपास, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल व ज्वार आदि फसलों का अवलोकन कर कृषकों को कीटों से होने वाली हानि के बारे में बताकर उसको समय पर कीटनाशी दवाओ का छिड़काव करने की सलाह दी गई ।
डॉ. जीनगर ने बताया कि विशेष तौर में मक्का में आए विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप आगे आने वाले समय मे मेवाड़ क्षेत्र में मक्का का खात्मा कर सकता है। ऐसे समय किसानों को सचेत रहने की जरूरत है। डॉ. जीनगर ने बताया कि इस कीट को नियंत्रण करने हेतु इमामोक्टिन बेजोएट, लेमडासाइहेलोथिन नामक कीटनाशक प्रभावी पाए गए हैं।
पौध व्याधि विशेषज्ञ डॉ. ललित छाता ने भ्रमण के दौरान कृषकों के रोगों जैसे मक्का में डाउनी मिल्डयु, उड़द में पीलिया रोग, कपास मे विल्ट/उखटा, जड़गलन देखा गया एवं कृषकों को नियंत्रण के उपाय बताए गए। भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जिले में पादप संगरोध विभाग के पौध-संरक्षण अधिकारी राजेन्द्र चौधरी राष्ट्रीय समन्वित कीट प्रबन्धन संस्थान जयपुर द्वारा दल के साथ विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया गया तथा मक्का फॉल आर्मी वर्म के साथ-2 तना छेदक कीट का प्रकोप भी पाया गया। चौधरी ने बताया कि इस कीट पर प्रभावी नियंत्रण करने के लिए सर्फ तथा नीम पाउडर को मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
सहायक निदेशक, पौध संरक्षण दिलीप सिंह ने जिले के सभी सहायक निदेशक, कृषि अधिकारियों तथा सभी प्रसार कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि कीट रोगों की सूचना मिलते ही प्रभावी नियंत्रण के प्रयास कर किसानों को राहत दिलाएं।
टीम के साथ कृषि अधिकारी रमेश चौधरी एवं किशन गोपाल जाट ने बताया कि खरीफ फसलों में कीट रोगों के प्रभावी नियंत्रण में प्रसार कार्यकर्ताओं की मुख्य भूमिका होती है। प्रत्येक गांव में कृषि पर्यवेक्षक सतर्क रहकर प्रभावी नियंत्रण में अपनी भूमिका निभाएं तथा सरकार से अनुदान मिलने की दशा में कीटनाशी दवाओं के संयुक्त रूप से छिड़काव को प्राथमिकता दें।

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