26 साल पहले भी कमीशन की कार्यवाही में सामने आया था सच, प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष मिलने का था दावा
ज्ञानवापी परिसर में 26 साल पहले हुई कमीशन की कार्यवाही में हिंदू मंदिरों के भग्नावशेष मिलने का सच सामने आया था। सिविल जज की अदालत में दर्ज एंसिएंट आइडल स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर व अन्य के वाद में भी न्यायालय ने विशेष अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर राजेश्वर प्रसाद सिंह को नियुक्त किया था। न्यायालय में पेश उनकी रिपोर्ट में साफ तौर पर मस्जिद परिसर में प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष मिलने का दाव किया गया था। इसके साथ ही परिसर के पूरब तट पर हनुमान प्रतिमा, गंगा व गंगेश्वर मंदिर की भी पुष्टि की गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2019 में न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रडार तकनीक से सर्वे का आदेश दिया था। हालांकि इस मामले में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है।
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