अजमेर दरगाह दीवान का बड़ा बयान, कहा- कर्मों की मिली सजा

 


दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा कि यासीन को उसके कर्मों की सजा मिली है। यासीन मलिक को सजा से पाकिस्तान का आतंक पसंद चेहरा भी बेनकाब हुआ है। यासीन जैसे लोगों को पाकिस्तान टेरर फंडिंग करता रहा है।  अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान व आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने ट्वीट कर कहा कि यासीन मलिक को पूरी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद उसके अपराधों के लिए दंडित किया जा रहा है। भारत की न्याय व्यवस्था ने एक बार फिर अपनी बुद्धिमत्ता, स्वतंत्रता और पारदर्शी छवि को साबित किया जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया करती है।

उन्होंने कहा, मलिक ने भारत में आतंकवाद को भड़काकर और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देकर और निर्दोष कश्मीरियों के हाथ से किताबें छीनकर उनके हाथ में जबरदस्ती बंदूकें देकर उन्हें आतंकवादी बना दिया। उन्होंने कहा कि यासीन को उसके कर्मों की सजा मिली है। 

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार