नौगांवा सांवरिया सेठ मंदिर में खम्ब फाड़ प्रकट हुए नृसिंह

 


भीलवाड़ा हलचल न्यूज

परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा में संचालित माधव गौशाला परिसर के सांवलिया सेठ मंदिर में  शनिवार को नृसिंह जयंती धूमधाम से मनाई गई। मंदिर प्रबंध समिति के संयोजक गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि जयंती के अवसर पर   सुबह से शाम तक हिरण्यकश्यप का स्वरूप  टेम्पो में गाडरमाला, पुर, नौगांवा, पुर , कोचरिया, बापूनगर, गोलप्याऊ चौराहा, बसन्त विहार, आजादनगर सहित कई क्षेत्रों में घुमा जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा कई श्रद्धालुओं ने हिरण्यकश्यप के साथ सेल्फी भी ली। इस दौरान हिरण्यकश्यप के उत्पात मचाने के दृश्य को देखने के लिए बच्चों की भी भीड़ देखी गई। सांवलिया सेठ मंदिर में भगवान को इंदौर से लाई गई पौशाक व मुकुट से नृसिंह अवतार रूप में नाहर जैसा सजाया गया। भगवान के इस नयनाभिराम रूप के दर्शन के लिए जिले भर से सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे।  जिले के कई गांवों से पद यात्रियों के जत्थे भी पहुंचे और दर्शन कर आनंद लिया। शाम को 6:30 बजे खम्ब फाड़कर  भगवान नृसिंह का अवतार हुआ और हिरण्यकश्यप को मारा। इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। हिरण्यकश्यप को इंदौर से मंगाया गया मुखोटा गांधी नगर गणेश मंदिर पर धारण कराया गया। कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष राजकुमार बम्ब, प्रचार प्रमुख दिलीप व्यास, राजेश सेन दाढ़ी वाला, मंदिर के पुजारी दीपक पाराशर सहित संस्थान के कई पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं एवं गौशाला व्यवस्थापकों का पूरा पूरा सहयोग रहा।

 हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शहर के पुराना भीलवाड़ा के रायजी मोडा की गली स्थित श्री नृसिंह मंदिर में शनिवार को हर्षोउल्लास के साथ नृसिंह जयंती मनाई गई। नृसिंह जयंती महोत्सव कार्यक्रम संयोजक मोनू तोषनीवाल ने बताया कि श्री नृसिंह जयंती महोत्सव लगभग 200 वर्षो से मनाया जा रहा जा रहा है। इस दिन प्रातः सुबह भगवान नृसिंह जी का दुग्धाभिशेक व हवन किया गया। तथा पुरे मंदिर को फुलो व गुब्बारो से सजाया गया। शाम को संध्या समय महाआरती की गई उसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस दिन जैसे ही सांझ ढ़लते ही कोठी में अगरबत्ती लगाते समय भगवान नृसिंह शक्ति का आभास होने लगता है।
नरेश पांडीया ने निभाया नृसिंह अवतार:
 नृसिंह अवतार का रूप कैलाश सुल्तानिया लगभग 50 सालों से निभाते आ रहे है। लेकिन पिछले साल कोरोना मे निधन होने के कारण पहली बार नरेश पांड्या ने नृसिंह अवतार का किरदार निभाया। तथा भक्त प्रहलाद का किरदार हरि ने निभाया।
लाला सोनी निभाता है हिरण्य कश्यप का किरदार  
 क्षेत्र निवासी लाला सोनी जो कि इस दिन सुबह से अपना हिरण्य कश्यप रूप धारण कर के गली मोहल्ले में अपना तांडव करता है। किसी से कुछ भी छीन ले जाता है। संाझे ढ़लते ही मन्दिर प्रांगण में हजारों श्रद्वालुओं के बीच यह स्वांग होता है।
कोठी की विशेषता
 संयोजक मोनू तोषनीवाल ने बताया कि कागज की कोठी के फटते ही श्रद्धालु लूट लेते है। ऐसी मान्यता है कि इस टुकड़े को अपने घरों,  तिजोरी में रखने से लक्ष्मी का वास रहता है। और गेहूँ में रखने से यह कभी खराब नहीं होता है। यह कोठी की विशेषता है। साथ ही कोठी के फटने के साथ भगवान नृसिंह का ढोल - नगाडों के साथ स्वागत किया जाता है।  

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