अब गरमा रहा उज्जैन का मामला, दानी गेट वाली मस्जिद के नीचे प्राचीन शिव मंदिर होने का दावा

 


नई दिल्ली : मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में हिंदुओं के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद निर्माण कराने का मामला इतिहासविदित है. तथाकथित तौर पर यह माना जा रहा है कि औरंगजेब ने बनारस के ज्ञानवापी में शिवमंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया था. फिलहाल, अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया है और इसकी रिपोर्ट अदालत के सामने पेश किया जाना है. लेकिन, बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा होने से पहले ही उज्जैन की एक मस्जिद का भी मामला गरमाने लगा है. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि उज्जैन के दानी गेट के पास बिना नींव वाली मस्जिद के नीचे प्राचीन शिव मंदिर और गणेश जी की प्रतिमा दबी है.

दरअसल, अखंड हिंदू सेना के अध्यक्ष और उज्जैन आह्वान के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने दावा किया है कि उज्जैन के दानी गेट स्थित बिना नींव वाली मस्जिद के नीचे प्राचीन शिव मंदिर है. उन्होंने अपने दावे में कहा है कि इस मस्जिद के नीचे गणेश भगवान की प्रतिमा भी दबी है. उन्होंने दावा किया है कि वर्ष 2007 में उन्होंने खुद मस्जिद में जाकर इस प्रतिमा को देखा है. उन्होंने वहां भगवान गणेश की मूर्तियां, हाथी-घोड़े और पत्थरों पर विशाल पहरेदार सैनिकों की मूर्तियां देखी थीं.

अतुलेशानंद सरस्वती ने यह भी कहा है कि यह हिंदुओं की संपत्ति है और इसे वापस लौटा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद की तरह इस मस्जिद का भी सर्वे, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करके साक्ष्य जमा किए जाएं. महामंडलेश्वर अतुलेशानंद के अनुसार, उज्जैन एक प्राचीन नगर है और वर्ष 1600 में मुगल शासकों ने इस पर अपना कब्जा जमा लिया थाउन्होंने दावा किया है कि मुगल शासकों के कब्जे के समय ही इस मस्जिद का निर्माण कराया गया था. उन्होंने मस्जिद की फ़ोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की मांग की है. महामंडलेश्वर अतुलेशानंद ने कहा है कि मस्जिद की सुरक्षा के उपाय किए जाएं, जिससे उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो. इसके साथ ही, उन्होंने कोर्ट में एक वाद दायर करने की बात कही है.

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