विद्युत दरों के संबंध में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल
भीलवाड़ा हलचल न्यूज अजमेर विद्युत वितरण निगम की ओर से वर्ष 2022-23 के लिए विद्युत दरों के संबंध में राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में दाखिल याचिका के संबंध में पिटीशन दायर करते हुए मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने सरकार के आश्वासन के बावजूद निगम की ओर से उद्योगों पर अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक भार डालने का विरोध किया है। मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि जहां एक ओर अजमेर विद्युत वितरण निगम ने वर्ष 2022-23 के लिए विद्युत दरों में बढ़ोतरी नहीं करने की बात कही है, वहीं कई बिंदुओं पर अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ोतरी करने की याचिका दाखिल की है, जिसका प्रति याचिका में मेवाड़ चेम्बर ने विरोध किया है। निगम ने रात्रि में 12 बजे से प्रातः 6 बजे तक ऑफ पीक ऑवर्स में विद्युत उपयोग पर 15 प्रतिशत छूट को घटाकर 10 प्रतिशत करना प्रस्तावित किया है, जो कि अनुचित है। चेम्बर ने ऑफ पीक ऑवर्स की छूट को 25 प्रतिशत करने की मांग की है। क्योंकि राजस्थान अतिरिक्त(सरप्लस) विद्युत उपलब्धि वाला राज्य है, तथा कई बार अतिरिक्त उपलब्ध बिजली बहुत कम दरों पर विशेष कर रात्रि काल में बाहर बेचनी पड़ती है। जो निगम व उपभोक्ताओं दोनों के ही हित में नहीं है। इससे उद्योग भी लाभान्वित होंगे तथा राजस्थान के विद्युत वितरण निगम भी लाभ में रहेंगे तथा इनकी ऊर्जा संतुलन भी अच्छा रहेगा। साथ ही टीओडी मीटरिंग सुविधा में सभी उद्योगों को सम्मिलित किया जाना चाहिये। लघु, मध्यम, वृहद उद्योग सभी श्रेणी में राजस्थान में स्थाई प्रभार की दरें कई अन्य राज्यों की दरों से काफी अधिक है। औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान में भी स्थाई प्रभार की दरों में कमी की जानी चाहिए। निगम ने पावर फैक्टर रिबेट में वर्तमान में 95 प्रतिशत से अधिक पर मिल रही 0.1 प्रतिशत रिबेट को आधा करना प्रस्तावित किया है, जिसे पूर्वतः रखा जाना चाहिए। क्योंकि पावर फैक्टर का संतुलन के लिए उद्योगों को महंगे उपकरण लगाने होते है। पूर्व में नियामक आयोग ने वर्ष 2020 के टैरिफ आदेश में औद्योगिक उपभोक्ताओं के उपभोग हेतु अतिरिक्त वृद्धि शील उपभोग पर मध्यम औद्योगिक पॉवर उपभोक्ताओं को 55 पैसे प्रति युनिट व वृहद औद्योगिक पॉवर उपभोक्ताओं को 85 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी थी, जिसका आधार पूर्व वर्ष का उपभोग माना गया था। चेम्बर ने इस छूट के लिए पिछले तीन वर्षो के औसत उपभोग को आधार मानने का आग्रह किया है। अजमेर निगम की ओर से दाखिल याचिका में उद्योगों के लिए क्रॉस सब्सिडी दरों में 2 से 3 गुणा वृद्धि प्रस्तावित की गई है, जो कि राष्ट्रीय टेरिफ नीति 2006 के विरुद्ध है। मेवाड़ चेम्बर ने क्रॅास सब्सिडी चार्ज को बढाने के बजाय राष्ट्रीय टैरिफ नीति 2006 की धारा 8.3 के अनुरूप कम करने की मांग की है। इसी तरह ओपन एसेस में अतिरिक्त सरचार्ज 80 पैसा प्रति यूनिट लगाने का भी विरोध दर्ज कराते हुए इसी समाप्त करने की मांग की है। |
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