बारातियों का स्वागत हिरण के गोश से करना चाहते थे इसलिए किया था काले हिरण और मोर का शिकार


गुना. काले हिरण शिकार मामले में अब एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं, शिकारियों ने काले हिरण और मोर का शिकार महज इसलिए किया था कि वे बारातियों का स्वागत हिरण के गोश से करना चाहते थे, इस मामले में नौशाद के पिता ने भी साफ मना कर दिया था कि हिरण मत मारना, मैं मुर्गे की दावत दूंगा, लेकिन नौशाद और शहजाद नहीं माने, इस बात पर काफी देर बेटों और पिता की बहस भी हुई। इसके बाद वे शिकार करने चले गए। 

बताया जा रहा है कि बिदौरियां गांव में एक साथ दो शादियां थी, एक आरोपी नौशाद की भतीजी और एक मजीद खन के बेटे की शादी थी, नौशाद की भतीजी की बारात बलोनिया के समीप स्थित गांव से आनी थी, वहीं मजीद के बेटे की बारात मूढरा गांव जानेवाली थी। इस घटना के बाद खुद घर वाले, अड़ोसी-पड़ोसी सहित रिश्तेदार और शादी में आए मेहमान भी गांव छोड़कर भाग गए, कई घरों में ताले डले हुए हैं और पूरा गांव में सन्नाटा पसर गया है, इस गांव में होने वाली दोनों शादियां भी नहीं हुई। 

जानकारी के अनुसार गुना जिले के बिदौरिया गांव में नौशाद की भतीजी की शादी थी, वह अपनी भतीजी के निकाह में आने वाले बारातियों का स्वागत काले हिरण के गोश और मोर के गोश से करना चाहता था, इस बात को लेकर नौशाद की उसके पिता निसार से भी काफी बहस हुई, निसार ने कहा था कि पौती की शादी में हिरण की दावत नहीं देंगे, लेकिन नौशाद नहीं माना और वह शहजाद जो कि मांस काटने में माहिर था, उसके साथ ही बबलू, गुल्ला, विक्की आदि को लेकर शिकार पर चल दिया।

 आरोपियों ने अंदाजा लगाया था कि करीब 400 मेहमान शादी में आएंगे, जिसके चलते उन्होंने प्रत्येक मेहमान का 200 से 250 ग्र्राम गोश के मान से पांच हिरण और एक मोर की जरूरत समझी और ये ही टारगेट लेकर वे शिकार पर निकले थे, उन्होंने शिकार भी कर लिया था, लेकिन जब वे लौट रहे थे, तो सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई। जिसमें 3 पुलिसवालों सहित एक आरोपी नौशाद की मौत हो गई थी।

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