लाहौल के रिहायशी इलाके बर्फ से लकदक, शिमला समेत अन्य भागों में झमाझम बारिश

 


 एक ओर जहां देश के कई हिस्सों में और भीषण गर्मी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में मई अंत में चोटियां व लाहौल-स्पीति जिले के कई रिहायशी क्षेत्र बर्फ से लकदक हो गए हैं। मौसम विभाग के अलर्ट के बीच प्रदेश के उच्च पर्वतीय भागों में ताजा बर्फबारी हुई है। वहीं शिमला समेत प्रदेश के मध्य व कम ऊंचाई वाले भागों में झमाझम बारिश हुई। बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है और ऊंचाई वाले भागों में ठंडक बढ़ गई है। केलांग में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

रोहतांग दर्रा, बारालाचा, कुंजुम दर्रा, घेपन पीक, लेडी ऑफ केलांग, मुलकिला, नीलकंठ, मकवरे, शिकवरे चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में 60 वर्ष बाद मई में बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज प्रदेश के 11 जिलों चंबा, किन्नौर, कांगड़ा, शिमला, सोलन, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सिरमौर, मंडी, कुल्लू में बारिश की संभावना जताई है। 28 मई तक  प्रदेश के कई भागों में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। 

बर्फबारी के बाद लाहौल घाटी।

जिला कुल्लू के साथ लाहौल घाटी में भारी बारिश व बर्फबारी से पारा लुढ़क गया है। मनाली-लेह हाईवे मनाली से दारचा तक यातायात के लिए बहाल है। जबकि दारचा से आगे बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

रिहायशी इलाके बर्फ से लकदक।

इसके अलावा दारचा-शिंकुला सड़क के साथ कोकसर-ग्रांफू-काजा सड़क पर बर्फबारी व भूस्खलन के खतरे को देखते हुए यहां वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया है। पांगी को जोड़ने वाली सड़क भी दो दिनों से बंद है।

लाहौल में बर्फबारी।यह मार्ग भूस्खलन और पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण बंद है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ने भी केलांग-लेह के साथ कुल्लू से काजा बस को बंद कर दिया है। जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को हिदायत दी है कि खराब मौसम में अनावश्यक यात्रा से बचें।

लाहौल में बर्फबारी।लाहौल में बर्फबारी।

कुल्लू में तीन माह से चल रहे सूखे में पहली बार 10 घंटे तक झमाझम बारिश हुई है। इससे किसानों-बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं। खासकर सेब, टमाटर के लिए बारिश संजीवनी का काम करेगी। बारिश से जिले में 10 से अधिक सड़कें भी यातायात के बाधित हो गई हैं।

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