VIDEO हर घर में होनी चाहिए बेटी, गौवंश की सेवा अवश्य करें: राधाकृष्ण महाराज


भीलवाड़ा हलचल न्यूज
गौवत्स राधाकृष्ण महाराज के मुखारविंद से मंगलवार से वस्त्रनगरी भीलवाड़ा में तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा के दूसरे दिन बुधवार को भी भक्तों का सैलाब उमड़ा। समस्त गौ सेवा परिवार की ओर से रोडवेज बस स्टेण्ड के पास अग्रवाल उत्सव भवन प्रांगण में आयोजित नानी बाई का मायरा कथा में दूसरे दिन राधाकृष्ण महाराज ने नरसीजी मेहता के नानी बाई का मायरा भरने के लिए रवाना होने और नानी बाई के यहां पहुचने से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का वाचन किया। 
भक्ति से ओतप्रोत माहौल में गौवत्स राधाकृष्ण महाराज ने नानी बाई का मायरा कथा का वाचन करते हुए गौसेवा व मानवसेवा करने की प्रेरणा भी दी। उन्होंने कहा कि नरसीजी भगवान के इतने लाडले थे कि वह खुद उनके पास जाने को आतुर रहते थे। भगवान का लाडला बनना है तो अपना भाव व बोली अच्छी रखनी होगी। जब भगवान प्रेम करेगा तो दुनिया मे अन्य किसी के प्रेम की जरूरत नहीं रहेगी। भगवान के लिए जो भी काम करो वह ईमानदारी से करो तो भगवान खुद आपकी फिक्र करेगा। राधाकृष्ण महाराज ने बेटियों का महत्व बताते हुए कहा कि हर घर में बेटी अवश्य होनी चाहिए। बेटी के बिना घर सूना होता है। बेटियां दो कुल का कल्याण करती है। उन्होंने गौसेवा की प्रेरणा देते हुए कहा कि केवल गाय की ही नहीं बल्कि बैल और नन्दी की भी सेवा करनी है। जिस तरह बेटे के बिना मां सुखी नहीं रह सकती उसी तरह नन्दी और बैल के बिना गोशाला में गाय सुखी नहीं रह सकती है। 
सुबह कथा का आगाज करते हुए सबसे पहले पूज्य राधाकृष्ण महाराज ने ठाकुर गोवर्धननाथ प्रभु, श्रीद्वारकाधीश प्रभु, श्री सांवलिया सेठ, श्री चारभुजानाथ, श्रीनाथजी के साथ जगतजननी गौमाता के चरणों में भी प्रणाम किया। तीन दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन बुधवार को सुबह 5.30 बजे शहर के दूदाधारी मंदिर से प्रभातफेरी भी निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए।  
मेरे सिर पर रख दे ठाकुरजी अपना हाथ
नानी बाई का मायरा कथा के दूसरे दिन राधाकृष्ण महाराज ने गीतों व भजनों की प्रस्तुतियां दी। मेरे सिर पर रख दे ठाकुरजी अपना हाथ भजन शुरू होते ही ऐसा जादू छाया कि भजन शुरू होते ही भक्तगण अपनी जगह से उठ खड़े होकर थिरकने लगे। कुछ भजनों के दौरान तो भक्ति का ऐसा रंग चढ़ा कि कई भक्तगण मंच के सामने खुली जगह पर समूह में नृत्य करने लगे। 
मीरा महोत्सव ने जमाया रंग 
राधाकृष्ण महाराज के मुखारविंद से मंगलवार रात 8 से 10 बजे तक मीरा महोत्सव का आयोजन हुआ। इसके तहत कृष्णभक्त भक्तिमति मीरा के जीवन पर आधारित प्रसंगों का वाचन किया गया। इसके माध्यम से मीरा के जीवन के प्रसंगों के साथ कृष्णभक्ति से वह किस तरह ओतप्रोत थी इस बारे में बताया गया। मीरा की भक्ति के भजनों पर श्रोता भावविभोर हो उठे। दो दिवसीय मीरा महोत्सव के पहले ही दिन बड़ी संख्या में भक्त कथास्थल पर पहुंचे।

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