घोड़ास के ग्रामीणों ने सरजूदास को हटाने का फैसला किया, कलक्टर से की सम्पत्तियों की रक्षा की गुहार

 


भीलवाड़ा (हलचल)। घोड़ास ग्राम में डांग के हनुमान मंदिर के संत सरजूदास को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद अब ग्रामवासियों ने आश्रम से सरजूदास को बेदखल करने का फैसला लेते हुए जिला कलक्टर से मंदिर और इससे जुड़े आश्रमों की सम्पत्ति को अपने अधिकार में लेने की मांग की है। साथ ही ट्रस्ट बनाकर पूजा अर्चना करने का अधिकार ग्रामवासियों द्वारा निभाया जाएगा। 
घोड़ास ग्राम के दर्जनों लोग आज भीलवाड़ा पहुंचे और उन्होंने जिला कलक्टर को दो पेजीय ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि घोड़ास के डांग का हनुमान मंदिर प्राचीन है और इसकी सम्पत्तियां भी काफी है। इस मंदिर की पूजा अर्चना 1969 में गोविंददास जी महाराज  कर रहे थे। उनके निधन के बाद राममूर्ति दास ने 1995 में यह काम संभाला। तत्पश्चात राममूर्ति दास का निधन होने पर रामदास महाराज और उनके बाद अब सरजूदास महाराज आश्रम की देखरेख कर रहे थे। इनका नाता करेड़ा चम्पाबाग के पुजारी परसरामदास जी से है। 

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