1965 भारत-पाक जंग के योद्धा राठौड़ का निधन

 


 शाहपुरा, मूलचन्द पेसवानी 
सन् 1965 की भारत-पाक जंग के योद्धा युवराज सिंह राठौड़ का विगत रात्रि 82 वर्ष की उम्र में बीमारी के बाद निधन हो गया। सोमवार प्रातः रामद्वारा में उनके जेष्ठ पुत्र प्रताप सिंह राठौड़ ने मुखाग्नि दी। इस दौरान शाहपुरा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे हैं। राठौड़ के पुत्र रघुवीर सिंह ने बताया कि 1965 की जंग में योद्धा रहे तथा अपनी वीरता के दम पर उन्होंने कई सेना मेडल हासिल किए। भारतीय थल सेना में आर्म्ड बटालियन में सेकंड लांसर में तैनात रहे। भारतीय थल सेना ज्वाइन करने के कुछ वर्ष पर्यंत ही भारत-पाकिस्तान युद्ध छिड़ गया। इस दौरान अपनी बटालियन के साथ वीरता पूर्वक लड़ते हुए पाकिस्तान के अंदर तक घुस गये। जहां उन्होंने सियालकोट में जाकर तिरंगा लहरा दिया। बाद मे भारतीय कमांडरों के आदेश के बाद अपनी बटालियन के साथ वापस भारत में प्रवेश किया। सियालकोट में उन्होंने वीरता का प्रदर्शन करते हुए आमने सामने की लड़ाई मे गोला बारूद खत्म होने के उपरांत गुत्थम गुत्था हाथों के युद्ध में कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा। जिसके बाद भारतीय सेना द्वारा उन्हें कई वीरता पदको से सम्मानित किया गया। राठौड़ के निधन पर शाहपुरा राज परिवार के जय सिंह राठौड़, पालिका अध्यक्ष रघुनंदन सोनी सहित कई जनों ने दुख प्रकट किया है।

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