भ्रष्‍टाचार को लेकर पार्षदों का फूटा गुस्‍सा,आयुक्त के खिलाफ लगे नारे,पत्रकारों को न‍िकाला बाहर

 

भीलवाड़ा (हलचल)। नगर परिषद के पार्षदों ने ही आज आयुक्त और सभापति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये और शहर के विकास में बोर्ड बैठक नहीं बुलाकर बाधा बनने की बात कही। आक्रोशित पार्षद जब आयुक्त हाय-हाय के नारे लगाते हुए ज्ञापन देने पहुंचे तो उखड़ी आयुक्त दुर्गाकुमारी ने पत्रकारों को चेम्बर से बाहर निकाल दिया। इससे पहले होमगार्ड कर्मियों ने भी कवरेज करने से रोकने का प्रयास किया है। 
पार्षदों द्वारा शहर के विकास और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए लगातार बोर्ड बैठक बुलाने की मांग कर रहे है लेकिन सभापति और आयुक्त में एका नहीं होने से बोर्ड बैठक नहीं हो पा रही है। पिछले दिनों सभापति ने एजेण्डा तैयार कर बोर्ड बैठक भी तारीख भी 17 जनवरी तय कर दी लेकिन आयुक्त ने बैठक की स्वीकृति ही नहीं दी। आज आक्रोशित पार्षद उपसभापति रामलाल योगी के नेतृत्व में नगर परिषद परिसर में जमा हुए और जमकर आयुक्त और सभापति को कोसा। योगी ने नगर परिषद बोर्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। विकास कार्य नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की कई बार शिकायतें की गई, सबूत दिये गए लेकिन सभी सबूतों को दरकिनार कर कोई सुनवाई नहीं की गई है। लोगों की समस्याएं कोई सुनने वाला नहीं है। जबकि पार्षद सुशीला बैरवा ने तो यहां तक कहा कि सभापति और आयुक्त दोनों एक ही थैली के चट्टे बट्टे है। उसने भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। बैरवा ने कहा कि हम यहां तक ही नहीं रूकेंगे, कलेक्टर के पास जायेंगे वे भी नहीं सुनेंगे तो जयपुर तक आवाज उठायें। कांग्रेस के मनोनीत पार्षद योगेश सोनी ने नगर परिषद को भ्रष्टाचार का अड्डा कहते हुए बताया कि विकास का कोई काम नहीं होता। भूमाफिया सक्रिय है और यहां दलालों का खेल चल रहा है । पार्षद राधेश्याम भडाणा ने कहा कि भाजपा बोर्ड भ्रष्टाचार में लिप्त है। लोगों की सुनवाई नहीं हो पाती, विकास के काम नहीं हो पा रहे है और इस बोर्ड में पार्षद की कोई सुनने वाला नहीं है। 
पूर्व पार्षद नवीन सभनानी ने कहा है कि उन्होंने नगर परिषद में भ्रष्टाचार और अवैध निर्माणों के खिलाफ पहले भी मांग उठाई थी तब आयुक्त व सभापति ने कार्रवाई का आश्वासन दिया लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इसी की परिणाम है कि आज पार्षदों में आक्रोश है। 
पार्षद मुकेश शर्मा ने कहा कि हमारी लड़ाई अधिकारों को लेकर है। अधिकारियों का शहर के विकास से कोई लेना देना नहीं है वे तो आते है चले जाते है। जनप्रतिनिधि बैठते नहीं है। हमारी मांग है कि जनप्रतिनिधि समय पर बैठे और जनता के मुद्दों और विकास के काम देखें। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के मामले बढ रहे है। उन्होंने कहा कि आयुक्त का अधिकार है कि वह समय समय पर बोर्ड बैठक बुलाये और पार्षदों से प्रस्ताव लें और बोर्ड बैठक में स्वच्छ चर्चा और बहस हो ताकि शहर का विकास हो सके। 
भ्रष्टाचार की खबरों से खफा आयुक्त ने पत्रकारों को निकाला बाहर
नगर परिषद में भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण जैसी लगातार छप रही खबरों से खफा आयुक्त दुर्गाकुमारी ने आज राज्य स्तरीय समाचार पत्र के साथ ही अन्य मीडिया कर्मियों को अपने चेम्बर से बाहर निकाल दिया। इस दौरान पत्रकारों की उनसे कहासुनी भी हुई। इससे पहले चेम्बर में जाने से होमगार्ड कर्मियों ने भी चेम्बर में जाने से रोकने का प्रयास किया। चेम्बर से बाहर आये पत्रकारों को कुछ समय बाद उपसभापति रामलाल योगी बुलाने आये कि मेडम बुला रही है लेकिन बाद में कोई पत्रकार चेम्बर में नहीं गया। इस बीच यह भी खबर है कि नगर परिषद की पूरी स्थिति से आज पत्रकारों ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, जिला कलक्टर आशीष मोदी और स्वायत्त शासन मंत्रालय के अधिकारियों को भी अवगत कराया। 
नगर परिषद की आज होने वाली प्रस्तावित बोर्ड बैठक आयुक्त द्वारा एजेण्डे पर साइन नहीं करने से नहीं हो पाई। इसके विरोध में पार्षदों ने नगर परिषद पर प्रदर्शन किया है। 
पार्षदों ने की यह मांग :
नगर परिषद के सभी पार्षदों ने आयुक्त को पांच सूत्रीय ज्ञापन दिया है जिसमें जल्द ही बोर्ड बैठक बुलाने, बोर्ड बैठक से पूर्व पार्षदों से प्रस्ताव लेकर एजेण्डे में जोडऩे, अतिक्रमण की शिकायतों पर तत्काल सत्यापन करा कार्रवाई कराने, जनप्रतिनिधियों से मिलने का समय तय करने के साथ ही आवारा कुत्तों को पकडऩे व मृत मवेशियों को उठाने की मांग की गई है। 
ज्ञापन देने वालों में उपसभापति रामलाल योगी, पंडित अशोक शर्मा, पूर्व उपसभापति मुकेश शर्मा, ओम सांईराम, राधेश्याम भडाणा, सुशीला बैरवा, सुशीला जैन, सागर पांडे, इंदू बंसल, गोविंद कासोटिया, आरति सिंह शेखावत, मोहनी माली, उदयलाल तेली, मधु शर्मा, जगदीश गुर्जर, किशोर कुमार सोनी, राजेन्द्र पोरवाल, नवीन सभनानी आदि शामिल थे। 

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