खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति राज्य सरकार गंभीर, भीलवाड़ा में 170 शिविरों का आयोजन
जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य सरकार खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। राज्यभर में खनिज क्षेत्रों में प्राथमिकता से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। शिविरों के माध्यम से श्रमिकों में अवेयरनेस, खनन सुरक्षा संसाधनों के उपयोग के प्रति प्रेरित करने, मास्क आदि आवष्यक किट का वितरण और सिलिकोसिस जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर वित्तीय सहायता व इलाज की व्यवस्था कराई जा रही है। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गत 18 नवंबर को आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में फील्ड अधिकारियों को प्रदेश में खान सुरक्षा व स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए थे। माइंस विभाग द्वारा अप्रेल माह से अब तक करीब 600 स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन कर लगभग 20 हजार श्रमिकों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसके साथ ही 325 से अधिक जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया गया है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जिला स्तर पर गठित डीएमएफटी फण्ड से जिला कलक्टरों के माध्यम से सिलिकोसिस पीड़ितों को वित्तीय सहयोग भी उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य में स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन में भीलवाड़ा वृत पहले और जयपुरवृत दूसरे स्थान पर है वहीं सुरक्षा उपकरणों के वितरण में उदयपुर वृत आगे है। निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही वैट ड्रिलिंग, डस्ट मास्क का उपयोग, मास्क वितरण व खनन कार्य करते समय आवश्यक सावधानियों से भी श्रमिकों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र के खनन क्षेत्रों का सघनता से दौरा करें और परस्पर सहयोग व समन्वय से अधिक से अधिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कराएं। उन्होंने बताया कि राज्य भर में आयोजित 600 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों और 325 से अधिक जागरूकता शिविर में 20 हजार से अधिक श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। इसके साथ ही करीब 6200 डस्ट मास्क का वितरण तथा 750 के करीब सुरक्षा उपकरण वितरण किए गए हैं। |
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