आईटीआई स्टूडेंट को आयकर विभाग ने भेजा 242 करोड़ का नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

 

 भीलवाड़ा बीएचएन। भीलवाड़ा  में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक आईटीआई स्टूडेंट को 242 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ गया।  दरअसल, शहर के आजाद नगर के निवासी स्टूडेंट गोविंद नामा को आयकर विभाग ने नोटिस थमाया है। इस शख्स का दोष केलव इतना था कि इसने नौकरी दिलाने के नाम पर उसके दस्तावेज अपने ही मकान के पड़ोस में रहने वाले बलराम सेन को दिए थे।  बाद में हुआ यह कि उसे अब यह नोटिस मिलने से उसका परिवार खासी मुसीबत में पड़ गया है। गोविंद, कपड़ा मार्केट में चौकीदारी कर घर चला रहे चौकीदार बाबुलाल नामा का बेटा है।  

कॉम्पिटिशन की तैयारी के दौरान संपर्क में आया बलराम
गोविंद नामा का कहना है कि उसके साथ हुई इस फर्जीवाड़े की शिकायत सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी है। गोविंद का कहना है कि वह, बीए तक पढ़ा लिखा है। बीए करने के बाद कॉम्पिटिशन की तैयारी शुरु की। इसी दरम्यिान उसका संपर्क बलराम सेन से हुआ था।

मुंबई की बड़ी कंपनी में अच्छा जॉब दिलाने का दिया था भरोसा
बलराम से संपर्क के बाद गोविंद को उसने मुंबई की बड़ी कंपनी में अच्छा जॉब दिलाने का भरोसा दिलाया था। इसके लिए बलराम ने गोविंद से समस्त कागजात की फोटो प्रति, पेन कार्ड, आधार कार्ड की ऑरिजनल प्रति मांगी। उसकी बातों में आकर असल पेन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज की फोटो कॉपी दे दी। फिर उसने सीए के साथ मिलकर गोविंद नामा के नाम से प्रोपराइटरशिप फ र्म व कंपनी बनाई। 

श्याम एक्सपोर्ट के नाम से बनाई प्रोपराईटर फर्म
गोविंद नामा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दी शिकायत में बताया कि आरोपितों ने प्रोपराईटर फ र्म श्याम एक्सपोर्ट 68 ए फ्लोर पोपुलर, आरकेड टाटा रोड़ संख्या 01 रॉक्सी सीनेमा, ओपेरा हाउस, मुंबई महाराष्ट्रा व कंपनी निवेदिता डेम प्रा.लि. केयर ऑफ शिव शक्ति मिल्क सेंटर लक्ष्मी निवास, पनवेल, विहान जेम्स एलएलपी बनाई। 

गोविंद के नाम से कपंनियों व प्रोपराइटरशिप फर्म बनाकर 242 करोड़ रुपये का टर्न ओवर कर दिया
गोविंद ने शिकायत में बताया कि आरोपित बलराम सेन व सीए ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर परिवादी के नाम से कंपनियों व प्रोपराइटरशिप फर्म बनाकर उन पर 242 करोड़ रुपये का टर्न ओवर कर दिया। इसके चलते इन्कमटैक्स विभाग ने परिवादी के नाम से नोटिस भेजा। इस नोटिस से ही परिवादी को इस छल कपट की जानकारी हुई। 

गरीब स्टूडेंट हूं, करोड़ों के टर्न ओवर से मेरा कोई लेना-देना नहीं
गोविंद का कहना है कि उसके नाम से बड़ी कंपनिया व प्रोपराइटरशिप  फर्म बनाकर करोड़ों रुपयों का टर्न ओवर किया जिसकी मुझे न कोई जानकारी है न ही कोई लेना-देना। परिवादी, बेरोजगार गरीब छात्र है। इस बारे में उसे लैस मात्र भी जानकारी नहीं है। 

पिता चौकीदारी करते हैं, नोटिस से भयग्रस्त है परिवार
गोविंद के पिता न्यू क्लॉथ मार्केट में चौकीदारी करते हैं। इन कंपनियों की जानकारी न तो परिवादी को है न ही परिजनों को। गोविंद का कहना है कि फर्जी तरीके से कंपनी बनाकर यह आपराधिक कृत्य किया गया है। 

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