छोटे भाई की पत्नी ने जान दी तो बड़े भाई से पंचों ने की 3 लाख रुपये मौताणे की मांग, परिवार को समाज से किया बहिष्कृत

 


 भीलवाड़ा बीएचएन। छोटे भाई की पत्नी के आत्महत्या कर लेने के बाद बड़े भाई से पंचों ने मौताणे के रूप में तीन लाख रुपये की मांग कर समाज से बहिष्कृत कर  हुक्का पानी पर रोक लगा दी।  इसे लेकर पंडेर थाने के हरिपुरा के फूलचंद पुत्र रामगोपाल कीर ने पुलिस महानिदेशक सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत भेजी है। 
हरिपुरा निवासी फूलचंद कीर ने शिकायत में कहा कि उसके भाई दिलखुश  पुत्र रामगोपाल कीर की पत्नी संजु ने आत्महत्या कर ली थी। इसके सम्बन्ध में  भाई के ससुरालवालों ने एक मिथ्या प्रकरण मेरे भाई के खिलाफ पंजीबद्ध करवाया। जो  विशिष्ठ न्यायाधीश, महिला उत्पीडन एवं दहेज प्रकरण भीलवाड़ा में विचाराधीन है।
 प्रकरण पंजीबद्ध कराने के बाद आरोपितों ने  आपराधिक षडयन्त्र रचकर एक खाप पंचायत का गठन कर एक खाप मीटिंग  हरिपुरा में पीपल के स्थान पर आहुत कर परिवादी जो दिलखुश का भाई है, जिसे बुलाकर नाजायज दबाव बनाया कि संजु का मौताणा के 3 लाख  रूपये उसके पीहर वाले  को दो । परिवादी ने कहा कि हमारा कोई दोष नही है।  यदि दिलखुश या किसी ने कोई अपराध किया होगा तो पुलिस और कोर्ट उसे दण्ड दे देगी।

इस पर सभी आरोपित गुस्सा होते हुए कहा कि हमने तो  मुकदमा ही पैसो के लिए किया था, हम कीर समाज के पंच परमेश्वर है, हमारा निर्णय तुम्हे मानना ही पडेगा। जिस पर मैंने इनकी नाजायज मांग को पुरा कराने में असमर्थता जाहिर की तो उक्त सभी लोग गुस्सा हो गये और परिवादी जाजम से उठाकर जबरन  विवश कर नीचे बिठाकर  सभी लोगो ने अपने आपको कीर समाज के पंच परमेश्वर घोषित करते हुए यह घोषणा कर दी कि दिलखुश कीर के परिवार वालो ने  पंचो के निर्णय के अनुसार संजु के घर वालो को मौताणा की रकम देने से इन्कार कर दिया है। इसलिए  पंच परमेश्वर दिलखुश और उसके परिवार वालो को जाति समाज से बहिष्कृत करके कीर समाज के हर व्यक्ति को यह आदेश देते है कि कोई भी व्यक्ति दिलखुश कीर और उसके परिवार के साथ कोई रिश्ता नाता नही रखेगा और न ही इन्हे जात में जीमणे या शादी व्याह प्रसादी मे बुलायेगा और न ही इनके यंहा जायेगा और कोई इनके साथ पानी चाय, बीडी सिगरेट पीयेगा और यदि ऐसा करता हुआ पाया गया तो पहली बार दण्ड के 2100 रूपये हम पंचो को देना होगा और इसके बाद दूसरी बार ऐसा करेगा तो 51,000  रूपये दण्ड भोगना पडेगा और उसे भी जाति समाज से बहिष्कृत समझा जायेगा।  इसके बाद  परमेश्वर पिता राधाकिशन कीर निवासी- हरिपुरा जो कि परिवादी के फूंफा लगते है, ने  बात कर ली तो उन्हें जाति समाज से बहिष्कृत करने का भय दिखाकर उनसे जुर्माना के 2100 रूपये आरोपित जगदीश कीर  पुत्र बालु कीर और रूपा पुत्र रामप्रसाद कीर के मार्फत आरोपितों ने प्राप्त कर लिये । 

इन पर लगाये आरोप 
 परमेश्वर पुत्र छगना लाल  कीर, , दिनेश पुत्र रामकिशन कीर,भोमा पुत्र श्रीकिशना कीर, गोपाल पुत्र श्रीकिशना कीर,  रामकरण पुत्र श्रीकिशना कीर, महावीर पुत्र कजोड़  कीर,  कालु पुत्र सुरजमल कीर, बद्री  पुत्र लालु  कीर,  स्वरूप पिता रामदेव कीर, गोपी पुत्र रामदेव कीर,  भुरा पुत्र सुरजमल कीर, सीताराम पुत्र राजु कीर,  मुन्नीराम पुत्र बन्ना कीर,  रामलाल पुत्र सुखा कीर,  श्रीकिशना पुत्र हीरा कीर,   रामेश्वर पुत्र घीसा कीर,  धन्ना पुत्र जगन्नाथ  कीर,  सम्पत पिता कालु कीर। 

पीडि़त ने इनको भेजी शिकायत
मुख्यमंत्री राजस्थान, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज, पुलिस अधीक्षक भीलवाड़ा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भीलवज्ञउ़ा, कलेक्टर भीलवाड़ा, अध्यक्ष राष्ट्रीय महानवाधिकार आयोग नई दिल्ली, प्रभारी अधिकारी थाना अधिकारी पंडेर। 

 

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