नौगांवा सांवलिया सेठ मंदिर में अमावस्या पर भरा मेला, उदयपुर सहित कई स्थानों से दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु

 

भीलवाड़ा । परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान की ओर से नौगांवा में संचालित माधव गौशाला परिसर के सांवलिया सेठ मंदिर में अमावस्या पर मेला भरा। मंदिर प्रबंध समिति के संयोजक गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि अमावस्या पर भगवान सांवलिया सेठ को पंचरंगी पोशाक, स्वर्ण मुकुट, स्वर्ण झरोखा धराया गया। स्वर्ण झरोखे से उदयपुर सहित अन्य स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने भगवान सांवलिया सेठ के मनमोहक दर्शन किए। संस्थान के सचिव सत्यप्रकाश गगड एवं प्रचार प्रमुख दिलीप व्यास ने बताया कि मंदिर की स्थापना के बाद से प्रति पखवाड़े यहां लगभग 4 हजार भक्त माथा टेक कर मनोकामना करते हैं। यह अनुमान अमावस्या को खुले भंडारे में प्राप्त हुए 10 -10 के नोटों की संख्या से लगाया गया।  संस्थान के मदन लाल धाकड़ ने बताया कि अमावस्या पर मंदिर में दिनभर भजनों की झड़ी लगी रही। संगीता दरगड, राहुल ने मेरे बांके बिहारी लाल तू इतना ना करियो सिंगार, हे मोहन गोवर्धन धारी हरो नाथ भव संकट भारी, सांवलिया मारो मोटो श्याम सांवरिया ने करू प्रणाम आदि भजन गाकर माहौल को भव्य बना दिया। पंडित रमाकांत शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, पुजारी दीपक पाराशर के सानिध्य में यजमान अशोक- गिरिराज काबरा ने भगवान को मंडपिया के कारीगरो द्वारा बनाई गई पोशाक, कंठा, स्वर्ण मुकुट, बांसुरी, स्वर्ण झरोखा धराया गया। गुलाब के फूलों की माला धारण कराई गई । भगवान का दूध से अभिषेक किया गया।  अभिषेक में बालचंद काबरा, रामस्वरूप अग्रवाल, राम चंद्र कुमावत, सुमित्रा दरगड, किरण काबरा आदि शामिल हुए। अमावस्या मेले में जिले भर से पद यात्रियों का आना जारी रहा। मुख्य रूप से पुर, गाडरमाला, मुजरास, गुरला, शहर के दूधाधारी मंदिर से पदयात्री आए। उदयपुर सूरजपोल अस्थल मंदिर से हेमलता कुमावत, मंजू सेन, हरी मालवी, ज्योति सोनी, मीरा काकिसा, कला कुमावत आदि भी दर्शन के लिए पहुंचे और भजन एक दिन वह भोले भंडारी बनकर बृज नारी गोकुल में आ गए, बाबा आज थाने आनो है पितरा न अमावस्या पर रिजानों है का आनंद लिया। राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी आदि भजनों का महिलाओं ने खूब आनंद लिया और नृत्य किया। 

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