बजरी लीज धारक की मनमानी के आगे प्रशासन नत मस्तक

 

 
जहाजपुर Dinesh Patriya.

जहाजपुर में नदी के लीज धारक के बजरी की लीज होने के बाद से क्षेत्र का प्रशासन लीज धारक की मनमानी के सामने नत मस्तक सा नजर आ रहा है और लीज धारक सभी नियमों को ताक के रख के कार्य कर रहा है
चाहे मामला बजरी खनन का हो या बजरी परिवहन का या फिर क्षेत्र में शांति भंग करने का लीज धारक किसी भी कार्य में पीछे नहीं है 

लीज धारक द्वारा कृषि भूमि पर बिना रूपांतरण करवाए धर्म कांटे लगाए गए है और इनका व्यावसायिक रूप के उपयोग किया जा रहा है जो राजस्थान काश्तकारी अधिनियम के तहत गलत है पर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मामले पर चुप्पी साध रखी है 

 वहीं इन तौल कांटो पर या तो बिजली विभाग द्वारा भी बिना किसी सक्षम अधिकारी के बिजली कनेक्शन दिया गया या फिर लीज धारक द्वारा बिजली चोरी की जा रही है

ये तौल कांटो की निर्माण विभाग एवं सड़क विभाग द्वारा बिना स्वीकृति लिए ही सड़क सीमा पर स्थापित कर अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है गौर तलब है कि किसी भी  छोटे व्यापारी को भी सड़क सीमा के व्यापार करने के लिए सड़क एवं राजस्व ,तथा अन्य विभागों को सहमति लेना जरूरी होता है 

 
- सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का भी उलंघन - बजरी लीज के लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए निर्देश में नदी के तल से 10 फीट की गहराई तक से बजरी निकालने की इजाजत है मगर खनिज विभाग द्वारा जहाजपुर क्षेत्र में बनास नदी का तल ही निर्धारित नहीं किया हुआ जिस से लीज धारक मनमानी कर अपने भारी भरकम वाहनों के माध्यम से नदी में गहरे गड्ढे खोद कर खनन कर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी उलंघन कर रहा है 

- राज्य सरकार के आदेशों की भी उड़ाई का रही धज्जियां - लीज धारक  के पास कार्य करने वाले कर्मचारियों के पास परिचय पत्र नहीं है वहीं राज्य सरकार के द्वारा बनाए नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए लीजधारक द्वारा नियुक्त किए गए कार्मिक किसी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्त नहीं किए गए और ना क्षेत्र में पड़ने वाले 4 थानों जहाजपुर शक्करगढ़ पंडेर, हनुमान नगर द्वारा इनकी पहचान के लिए कोई दस्तावेज मांगे गए और ना इनका पुलिस सत्यापन हुआ लीजधारक के अधिकतर कार्मिक जिले से बाहर के है इसके बावजूद उनका पुलिस वेरिफिकेशन नहीं किया जाना भी पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा करता है लीज धारक को किराए पर दिए गए मकानों के मालिकों द्वारा भी किरायेदार का सत्यापन नहीं करवाया गया 

- लीज धारक द्वारा बजरी व्यवसाय में जो वाहन काम में लिए जाते है वह सब जयपुर नंबर पासिंग है और सभी प्राइवेट पासिंग है जबकि व्यावसायिक तौर पर कार्य लिए जाने वाले वाहन टी परमिट का होना जरूरी है 

मनमाने ढंग से वसूल रहे है रॉयल्टी - लीज धारक द्वारा खनिज विभाग द्वारा जारी रवाना तो बजरी चालकों को दिया जा रहा है पर इसके साथ ही 500 रू प्रति टन की बजरी की राशि भी शेखावत एसोसिएट्स द्वारा वसूली जा रही है जिसकी जांक्री सभी अधिकारियों को होने के बावजूद किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं किया जाना क्षेत्र के अधिकारियों को कार्यशैली को संदिग्ध बनाता है इस से ऐसा प्रतीत होता है कि जहाजपुर का प्रशासन ,पुलिस विभाग यातायात विभाग निर्माण विभाग और क्षेत्र के जन प्रतिनिधि नत मस्तक ही नजर आ रहे है

इनका कहना 1 हमारे से कोई स्वीकृति नहीं ली गई और ना तौल कांटे लगाने के बारे में मुझे कोई सूचना दी गई खातेदारी चारागाह बिलानाम भूमि का व्यवसायिक उपयोग गलत है 

इंद्रजीत सिंह चौहान 
तहसीलदार जहाजपुर 

इनका कहना 2- हमारे पास शेखावत एसोसियेट्स के किसी भी कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन सत्यापन नहीं हूं

दुली चंद गुर्जर
थाना अधिकारी जहाजपुर

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