जन जन के दुख हरने और आस्था व विश्वास का धार्मिक स्थल लोड़ा महुआ के वीर तेजाजी महाराज


मांडल (सुरेन्‍द्र सागर) जिस बीमारी को लेकर जहा विज्ञान के ज्ञाता निरूतर हो जाते है और  जवाब दे जाता है वहां ईश्वरीय शक्ति भक्ति और जन जन के दुख हरने और आस्था और विश्वास का एक धार्मिक स्थल जो कि‍ भीलवाड़ा मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धार्मिक नगरी लोड़ामहुआ ग्राम में जन आस्था का संमागम लोक देवता तेजाजी महाराज का धार्मिक स्थल स्थापित है । इस धार्मिक स्थली पर झातला माता का मंदिर बालाजी मंदिर के साथ ही तेजाजी महाराज के मंदिर में भोले शिव लिंग , द्वारकाधीश कृष्णा , बाबा राम देव जी महाराज , माता जी और अन्य लोक देवता विराजमान है। यहा पर केंसर शुगर बल्ड प्रेशर जहरीले जंतु के काट लेने के साथ ही पीड़ित और दुखी दर्दी लोगों के दुःख हरने का आस्था और विश्वास का स्थान बना हुआ है । यहां पर प्रति रविवार , हिंदी माह की दोनो दशमी और दोनो बीज के दिन भक्तो का तांता लगा रहता है । तेजा दशमी पर यहां भव्य मेले का आयोजन होता है । यहां प्रति दिन महाआरती का आयोजन और प्रसाद वितरण का आयोजन होता है।

 

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