गंगरार कस्बे में कुए में मिली लाश की हत्या का खुलासा, प्रेमी से मिलकर बहिन ने करवाई थी भाई की हत्या,

 



चित्तौड़गढ़। गत 5 दिसम्बर को गंगरार कस्बे में कुवें में मिली एक युवक की लाश की हत्या के मामले में गंगरार थाना पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक की बहिन सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं एक बाल अपचारी को डिटेन किया है। मृतक की बहिन ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी सगे भाई की हत्या। मृतक उसकी बहिन की शादी अपनी बिरादरी में करवाना चाहता था, जबकि आरोपी बहिन अपनी पसंद से प्रेमी के साथ जाना चाहती थी। आरोपियों ने दृश्यम फ़िल्म देखकर हत्या करने का षड्यंत्र रचा। पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि गंगरार कस्बे में हनुमान मन्दिर के पीछे की तरफ, किले के नीचे, पहाडी के ढलान में करीब 150-200 फीट नीचे कुएं में अज्ञात व्यक्ति की हत्या कर बिना सिर का धड़ मिलने व दूसरे ही दिन उसका सिर भी मिलने पर सोशल मिडिया के माध्यम से उक्त अज्ञात मृतक की शिनाख्त मध्यप्रदेश के ऐरिया पुलिस थाना गरोठ जिला मन्दसौर हाल भाणेज शान्तिलाल रायका निवासी भाटखेडा पुलिस थाना गंगरार निवासी 23 वर्षीय महेन्द्र पुत्र गोविन्द्र रायका के रूप में हुई थी। उक्त घटना के संबन्ध मृतक महैन्द्र रायका के मामा शान्तिलाल रायका निवासी भाटखेडा पुलिस थाना गंगरार की रिपोर्ट पर थाना गंगरार पर हत्या व सबूत मिटाने की धाराओ अज्ञात मुल्जिमानो के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर जांच थानाधिकारी गंगरार शिवलाल मीना द्वारा की गई। प्रकरण की गम्भीरता के मद्देनजर एसपी दुष्यन्त व एएसपी अर्जून सिंह के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक भवानी सिंह के नेतृत्व में एसएचओ शिवलाल मीना व थाना गंगरार से एएसआई नगजीराम, भैरूलाल, अमीचन्द, हैड कानि धर्मेन्द्र, नरेन्द्र व कानि धर्मपाल, ओमप्रकाश, भीवाराम, माधवलाल, रोशनलाल, कालूराम, मनीष, वेदराम, राजेश व साईबर सैल से हैड कानि राजकुमार, कानि रामावतार व कमलेश, प्रवीण की अलग अलग टीम बनाई जाकर साक्ष्य एकत्र किये गये। मुखबीर से मिली सूचना अनुसार मृतक महेन्द्र के ननिहाल के गांव भाटखेडा जहां मृतक की माँ आजोदिया बाई व उसकी बहिन तनू उर्फ तनिष्का दो साल से रह रही है। जहां पर आरोपी महावीर धोबी निवासी गंगरार का उनके घर पर आना जाना है तथा मृतका की बहिन तनू उर्फ तनिष्का से आरोपी महावीर धोबी के अवैध सम्बन्ध है। जिस पर आरोपी महावीर धोबी की गतिविधीयों पर नजर रख गम्भीरता से जांच-पडताल की गई तथा तकनिकी रूप से जांच की गई। जांच से आरोपी महावीर धोबी की गतिविधीया संदिग्ध पाई जाने से आरोपी महावीर धोबी को गणेश घाटी के पास पहाडी से डिटेन कर गहनता से पुछताछ की गई तो आरोपी ने मृतक महेन्द्र रायका की बहिन तनु उर्फ तनिष्का से आपराधिक षड़यंत्र रचकर अपने अन्य साथी कस्बा गंगरार निवासी पुत्र पन्नालाल धोबी व एक अन्य बाल अपचारी के साथ मिलकर मृतक महेन्द्र रायका की हत्या करना कबुल किया। जिस पर दुसरे आरोपी महेन्द्र धोबी को भी गणेश घाटी गंगरार से डिटेन कर दोनो आरोपी गणो को गिरफ्तार किया गया। घटना में शामिल एक अन्य बाल अपचारी को शनिवार को डिटेन किया गया तथा मृतक महेन्द्र रायका की बहन 19 वर्षीय तनू उर्फ तनिष्का पुत्री गोविन्द रायका निवासी ऐरिया पुलिस थाना गरोठ जिला मन्दसौर हाल निवासी ननिहाल भाटखेडा पुलिस थाना गंगरार को उसके घर भाटखेडा से डिटेन कर बाद पूछताछ गिरफ्तार किया गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूली वारदात
गिरफ्तार आरोपी महावीर धोबी ने बताया कि उसकी जान पहचान भाटखेडा में रहने वाली तनू रायका से 03 साल पहले हुई थी। वह अपनी मॉ व छोटी बहिन एवं भाई के साथ भाटखेडा में रहती थी। दोनो मोबाइल फोन पर बाते करने लग गये, जिनके बीच अवैध सम्बन्ध हो गये। आज से करीब दो साल पहले तनू ने उसकी छोटी बहिन से राखी बांधकर कर धर्म का भाई बनाया। उसके बाद तनू के घर आने जाने लग गया। इस बारे मंे जानकारी उसके भाई महेन्द्र को पता चली तो वह मना करने लगा। उसके बाद तनू से मेने 40 हजार रूपये उधार लिए थे। जिसकी जानकारी उसके भाई महैन्द्र को चल गई जो आए दिन पेसो की मांग करने लग गया। इसी दौरान महैन्द्र व उसकी बहिन तनू की सगाई आटे-साटे में उज्जेन की तरफ कर दी। 11 नवंबर को तनू का भाई घर पर आया तो शादी जल्दी करने की जिद करने लगा। जिस पर महावीर व तनू ने प्लान बनाया कि महेन्द्र आये दिन पेसो की भी मांग करता है और शादी की भी जिद कर रहा है। इसको रास्ते से हटा देते है जो न ही तो पेसे देने पडेंगे और न ही शादी होगी। 
दृश्यम फ़िल्म की तर्ज पर दिया घटना को अंजाम।
प्लान अनुसार तनू द्वारा अपने भाई महैन्द्र रायका को मोबाईल फोन करके लेने के लिये बुलाया। तनू द्वारा भाई महेन्द्र की लोकेशन महावीर धोबी को बताई तो, जो स्वयं की वैन लेकर भाटखेडा की तरफ गया और जहां रास्ते में ही महेन्द्र रायका को बिठाकर ले आया। महावीर धोबी द्वारा महैन्द्र को लेकर गंगरार किले पर हनुमान जी के मन्दिर के पास चला गया, जहां उसने अपने साथी महेन्द्र धोबी व अन्य साथी बाल अपचारी को बुलाया  दोनो साथियो के साथ मिलकर महेन्द्र रायका की हत्या करने की योजना बनाई। किले पर बैठकर सभी ने गांजा पिया। वैन में बैठाकर शारणेश्वर महादेव मन्दिर से आगे सुनसान जगह पर ले जाकर अंधेरा होने के बाद तीनो ने मिलकर गमछे से महैन्द्र रेबारी का गला घोट कर लाश को ठिकाने लगाने के लिए बिजली के वायर से हाथ व पैर बांध दिये। हत्या करने के बाद रात्री करीब 10-11 बजे लाश को किले पर ले जाकर, किले पिछे स्थित कुए में डाल दिया और पने अपने घर चले गये। प्लान के अनुसार पुलिस पकड से बचने व पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक महेन्द्र रायका का मोबाईल फोन को बन्द कर दिया और 05 दिन बाद 21 नवम्बर को महावीर धोबी द्वारा स्वयं के मोबाईल को गंगरार में ही रख कर मृतक महेन्द्र रायका के मोबाईल को लेकर रेल्वे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर मन्दसौर चल गया, जहां योजना अनुसार तनू ने महेन्द्र रायका के फोन पर कॉल किया जिसको महावीर धोबी ने कॉल उठाया। वहां से फोन को रोड के किनारे पर डालकर महावीर धोबी पुनः ट्रेन में बैठकर गंगरार आ गया। तनू ने अपनी मॉ व छोटी बहिन को गुमराह करने के बोला कि 21 नवम्बर को मेरी भाई महेन्द्र से बात हुई है व मन्दसौर की तरफ गाडी पर है। जबकि आरापियों ने मृतक की बहिन तनू के साथ मिलकर आपराधिक षड़यंत्र रचकर 16 नवम्बर को ही महेन्द्र की हत्या कर दी थी।
 


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