तीन छात्रों के आत्महत्या मामले पर NHRC सख्त, राज्य सरकार सहित इन लोगों को भेजा नोटि

 


राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कोटा में तीन छात्रों द्वारा कथित रूप से आत्महत्या किए जाने के मामले में राजस्थान सरकार, केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। मानवाधिकार आयोग ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा, उसने मीडिया में आयी खबरों पर खुद संज्ञान लिया है और महसूस किया है, निजी कोचिंग संस्थानों के नियमन की आवश्यकता है।



बता दें कि कोटा में रहकर विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे तीन छात्रों द्वारा 12 घंटे के भीतर कथित रूप से आत्महत्या किए जाने के कुछ ही दिनों बाद आयोग ने नोटिस जारी किए हैं। राजस्थान के कोटा में तीन कोचिंग स्टूडेंटों के एक ही दिन में आत्महत्या करने से हडकंप मच गया। बीते 12 दिसंबर की रात एक कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड के बाद शव का पोस्टमार्टम ही हुआ था कि दो और कोचिंग स्टूडेंट्स के आत्महत्या की खबर आ गई। कोटा में एक ही दिन में तीन बच्चों के आत्महत्या ने सभी को विचलित कर दिया। दो स्टूडेंट तो एक ही हॉस्टल में रहते थे और दोनों का कमरा भी पास ही था। दोनों सात महीने से तलवंडी के एक हॉस्टल में रह रहे थे, जबकि तीसरा स्टूडेंट कुन्हाड़ी इलाके में रहता था।
 

 



कांग्रेस विधायक ने उठाए सवाल...
इसके पहले तीन छात्रों की आत्महत्या मामले पर पूर्व मंत्री और सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा है कि कोचिंग संस्थानों का राजनीतिक रसूख काफी मजबूत है और प्रशासन भी प्रभावित होता दिख रहा है। उन्होंने कोटा जिलाधिकारी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि कोचिंग संस्थानों में अपने बच्चों का दाखिला दिलाने के लिए अधिकारी पोस्टिंग करवाते हैं।

डिप्रेशन हो सकती है वजह...
तीनों ही आत्महत्या केस में कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि तीनों छात्र पढ़ाई के प्रेशर को झेल नहीं पा रहे थे। इसकी वजह से वह डिप्रेशन में आ गए थे। जानकारी के मुताबिक, डेढ़ बजे रात में हास्टल में रहने वाला एक अन्य छात्र अपने कमरे से बाहर आया तो प्रणव अपने कमरे के बाहर अचेत पड़ा था। उसने तुरंत हास्टल संचालक को मामले की जानकारी दी और उसे अस्पताल पहुंचाया गया।

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