कपड़ा उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा - बहेड़िया

 

भीलवाड़ा | सांसद सुभाष चन्द्र बहेड़िया ने भारतीय प्रबन्ध संस्थान, अहमदाबाद ( IIMA ) में आयोजित वेबीनार को सम्बोन्धित करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत की अर्थव्यवस्था को $5 ट्रिलियन इकोनोमी बनाने के सपने को पूरा करने में कपड़ा उद्योग की भूमिका महत्वपूर्ण है और पिछले वर्षों में कपड़ा उद्योग ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया है। बहेड़िया भारतीय प्रबन्ध संस्थान, अहमदाबाद में How can Texttile contribute to $5 trillion Economy  विषय पर छात्रों से संवाद कर रहे थे ।  बहेड़िया ने कहा कि भारत में कपड़ा उद्योग कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाला उद्योग है। भारत दुनिया मे कपड़ा निर्माण में दूसरे स्थान पर है तथा निर्यात में भारत का स्थान तीसरा है। कपड़ा उद्योग के बढने में सरकार की नीतियों का भी बड़ा योगदान रहता है। मोदी सरकार ने इसमें महत्वर्पूण योगदान दिया है एवं आवश्यकता पड़ने पर टेक्स नीति में परिवर्तन भी किया। उन्होने बताया कि जब जीएसटी लागु हुआ तब मेन मेड सिन्थेटिक पर 12 प्रतिशत तथा कोटन पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागु किया गया था परन्तु जैसे ही उद्यमियों ने इस तरफ ध्यान दिलाया सरकार ने कपड़े पर लगने वाले जीएसटी को समान कर दिया । बहेड़िया ने बताया कि दुनिया में कपड़ा उत्पादन में मेन मेड सिन्थेटिक का उपयोग 70 प्रतिशत है तथा कोटन का 30 प्रतिशत है जबकि भारत में इसका बिलकुल उल्टा है । भारत में कपड़ा उद्योग को मजबूत करने के लिए मेन मेड सिन्थेटिक का उत्पादन एवं उपयोग बढाना होगा। बहेड़िया ने IIM अहमदाबाद के छात्रो से भीलवाड़ा टेक्स्टाईल उ़द्योग की ग्रोथ के बारे में भी चर्चा की उन्होने बताया कि 80 के दशक के प्रारम्भ में भीलवाड़ा में 5 लाख मीटर कपड़ा प्रतिमाह बन रहा था वो आज बढकर लगभग 9 करोड़ मीटर प्रतिमाह हो गया है।  इसी क्रम में बहेड़िया ने रेडीमेड वस्त्र उद्योग के बारे में भी चर्चा की बहेड़िया ने बताया कि रा- मटेरियल से लेकर गारमेंट तैयार होने तक सब भारत मे उपलब्ध है। रेडीमेड गारमेन्ट उद्योग कम पूंजी में अधिक रोजगार के अवसर सृजित करता है तथा भारत में इसका बाजार भी बहुत बड़ा है, इस कारण से निर्यात पर असर पड़ता है इसलिए रेडीमेड गारमेंट उद्योग को और अधिक मजूबत करने की आवश्यकता है ताकि भारत मे खपत के साथ हम दुनिया में इसकी मांग के हिसाब से पर्याप्त निर्यात भी कर सके। भारत सरकार इस दिशा में प्रयत्न कर रही है।

बहेड़िया ने बताया कि पिछले चार पांच वर्षो में टेक्नोलोजी अपग्रेडशन के लिए उद्योगों को सब्सिडी दी कोई भी कपड़ा उद्योग जो रनिंग में है और वो टेक्नोलोजी अपग्रेडशन करना चाहता है तो सब्सिडी का प्रावधान है, इससे उच्च तकनीक आई है तथा कपड़े का उत्पादन बढ़ा है। बहेड़िया ने अन्त में IIM अहमदाबाद प्रबन्धन को टेक्सटाईल के विषय पर वेबीनार आयोजित करने एवं उन्हे आमंत्रित करने पर आभार प्रकट किया ।  

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