कब होगी नगर परिषद की बोर्ड बैठक पार्षदो को मिलता है आश्वासन ,जल्द होगी बोर्ड बैठक

 

भीलवाडा (हलचल)। नगर परिषद शहर के विकास में भूमिका नीभाति लेकिन पिछले दो साल से परिषद की मात्र दो बोर्ड बैठके हुई है। जिससे पार्षद विकास के बारे मे न तो कोई चर्चा कर पाए है और न ही उनकी कोई सुनने वाला है। ऐसे में बार-बार पार्षद सभापति से बोर्ड बैठक बुलाने का आग्रह करते है। तो हर बार उन्हे यही आश्वासन मिलता है कि अगले 15 दिनो में बैठक बुलालेंगे इसके चलते पार्षदो में भी नारजगी बढ रही है।
उपसभापति बोले कोई सुनने वाला नहीं
नगर परिषद के उपसभापति राम लाल योगी ने शनिवार को हलचल से बातचित करते हुए कहा की परिषद में कोई सुनने वाला नहीं है। शहर में गंदगी से ढेर लगे है अतिक्रमण की भरमार है। परिषद की करोडो रूपए की जमीनो पर अवैध निर्माण हो रहे है। इसकी शिकायत की गई लेकिन ना आयुक्त सुनती है ना सभापति सुनते है विकास के काम की बात भी किससे करे यह समझ से परे हो रहा है।
पार्षद सिसोदिया ने खटखटाया न्यायालय का दरवाजा
इन्ही मुद्दो को लेकर भाजपा के पार्षद राजेश सिसोदिया पहले ही अदालती लडाई लड रहे है। अपने ही बोर्ड के खिलाफ दो बार धरने पर बैठ चूके है। अवैध निर्माण, अतिक्रमण को लेकर उन्हे हर बार आश्वासन ही मिला है की जल्दी कार्यवाही होगी। जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होने शहर के लोगो के लिए यातायात सुभम बनाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। जोधपुर उच्च न्यायालय ने सिसोदिया की याचिका पर नगर परिषद को कार्यवाही करने के निर्देश दिये लेकिन पार्षद सिसोदिया की माने तो नगर परिषद में कार्यवाही के नाम पर खानापुर्ति की है। यह मामला भी न्यायालय के सामने रखा है। एक याचिका से परिषद में हडकंप मचा है। वही कई अवैध कॉम्पलेक्सो के मालिक भी सकते में है। कई कॉम्पलेक्सो के मालिको को इस कार्यवाही से बचने के लिए इधर उधर हाथ पैर मार रहे है। परिषद के द्वारा कुछ कॉम्पलेक्सो को सीज किया गया। इस पर परिषद के सभापति ही उनके बचाव में आ गए यह आरोप लगाते हुए सिसोदिया ने कहा की अवैध निर्माणो के खिलाफ कार्यवाही नही हो रही अब परिषद अपनी ही करोडो रूपए की जमीनो पर लोगो द्वारा किये जा रहे कब्जे को मुक्त करना तो दुर लिखित में की जा रही शिकायत को भी नजर अंदाज किया जा रहा है। 

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा