सांवलिया सेठ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, घंटों लाइन में खड़े होकर किए दर्शन

 


मंदिर प्रसाशन की तरफ से बताया कि जिस प्रकार से भक्तों की भीड़ उमड़ी उसे देखते हुए अंदाज लगाया जा सकता है कि 2 लाख से ज्यादा भक्त सांवलिया सेठ के दर्शन करने के लिए पहुंचे.

नए  साल 2023 का जोरदार स्वागत हुआ और छुट्टियां भी लगभग समाप्त होने को हैं. अब सभी की दिनचर्या पहले जैसा ही हो जाएगी. ऐसे में नए साल की शुरुआत करने के लिए अधिकतर लोग मंदिरों में पहुंचे और माथा टेका. इसी कारण कई प्रसिद्ध मंदिरों में भीड़ भी रही. ऐसा ही उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया में स्थिति सांवलिया सेठ मंदिर में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे. यहां दिनभर भक्तों का आना-जाना रहा और दर्शन करने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा. 

मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रसाशन को व्यवस्था संभालनी पड़ी. ऐसा लग रहा था जैसे किसी मेले का आयोजन किया जा रहा हो. दर्शन के साथ-साथ भक्तों की संख्या प्रसादी लेने के लिए भी कतारों में लगना पड़ा.

एक दिन में 2 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे
मंदिर प्रसाशन की तरफ से बताया कि लोगों की संख्या आंकी नहीं गई लेकिन जिस प्रकार से भक्तों की भीड़ उमड़ी उसे देखते हुए अंदाज लगाया जा सकता है कि 2 लाख से ज्यादा भक्त सांवलिया सेठ के दर्शन करने के लिए पहुंचे. सभी कॉरिडोर में कतारबद्ध लदे हुए थे, जिन्हें दर्शन में घंटो लग गए.

यही नहीं मंदिर की विशेष लाइट से सजावट भी की गई थी और रात में आतिशबाजी भी की गई. इधर बालभोग के काउंटर पर प्रसाद लेने के लिए भी बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ रही. मूर्ति का तिरुपति बालाजी के रूप का मोतियों से श्रृंगार किया गया. इस मंदिर में प्रति माह करोड़ों रुपये चढ़ावे के दानपात्र से निकलते है.

जानिए मंदिर के बारे में
सांवलिया सेठ का मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलने के साथ ही मंगला आरती होती है, जिसमें 6:30 बजे तक दर्शन होते हैं. उसके बाद श्रंगार के लिए पर्दा लगाया जाता है. श्रंगार होने के बाद 8 बजे से 12 बजे तक निरंतर दर्शन होते हैं. दिन में 12 बजे से 2:30 बजे तक भगवान शयन करते है. 2:30 बजे उत्थापन के पश्चात रात्रि 11:00 बजे तक निरंतर दर्शन होते हैं. 

राजभोग आरती सुबह 10:00 से 11:15 बजे तक होती है और रात्रि कालीन आरती 8:00 से 9:15 बजे तक होती है. कृष्णधाम सांवलियाजी में पहुंचने के लिए रेल मार्ग से आने पर निकटतम रेलवे स्टेशन निंबाहेड़ा और चित्तौड़गढ़ है जबकि हवाई मार्ग के लिए डबोक- उदयपुर निकटतम एयरपोर्ट है. इसके साथ ही बस मार्ग से आने के लिए उदयपुर, भीलवाड़ा, निंबाहेड़ा, चित्तौड़गढ़ व नीमच आदि स्थानों से सीधी बस सेवाएं उपलब्ध है

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना