समस्या सुनने वाले पार्षद ही पहुंचे समस्याएं लेकर जनसुनवाई में, बोले-हमारी नहीं सुनते...

 


भीलवाड़ा (विजय/सम्पत)। लोगों की समस्या का निराकरण करने वाले पार्षद खुद ही अपने इलाकों की समस्या लेकर जिला स्तरीय जन सुनवाई में पहुंचे और संभागीय आयुक्त के सामने पानी, बिजली, सड़क जैसी समस्याएं रखी। इस मौके पर जिलाधिकारियों के साथ ही नगर परिषद सभापति भी बैठक में मौजूद थे।
जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में आज संभागीय आयुक्त बी.एल.मेहरा ने जन सुनवाई की। जन सुनवाई में शहर की टूटी सड़कें, गन्दगी और सफाई के साथ ही पानी के मुद्दे सामने आये है। नगर परिषद द्वारा जगह-जगह कचरा डालने की शिकायतें भी उठी। वार्ड 8 की पार्षदा संतोष कंवर के पति गजेन्द्र सिंह ने बताया कि उनका पूरा वार्ड मूलभूत समस्याओं से वंचित है। वार्ड की पटेल नगर योजना में आंतरिक सड़कें काफी समय से क्षतिग्रस्त है। उनका आरोप है कि यहां सड़कों पर आम लोगों का पैदल चलना भी मुश्किलों भरा है। पार्क के नाम पर चारदीवारी है और वह विकसित नहीं है। पार्क में आवाश मवेशियों व सुअरों का जमावड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि सड़क के बीच तीन जगह पर विद्युत पोल लगे हुए है। एक पोल तो वाहन के टकराने से टूट भी  चुका है लेकिन उसे व्यवस्थित नहीं किया जा रहा है। रोड लाईटों का अभाव है। 
इसी तरह पार्षद जगदीश भाटी ने भी संभागीय आयुक्त को अपने वार्ड की दुर्दशा की व्यथा बताई। भाटी ने हलचल को बताया कि जन सुनवाई में उन्होंने की सुलभ शौचालय की समस्या को उठाते हुए बताया कि लेंडमार्क इलाके में दर्जनों वीडियो कोच बसों की आवाजाही प्रतिदिन होती है और बड़ी संख्या में यात्री आते जाते है लेकिन वहां सुलभ शौचालय नहीं है। जबकि यूआईटी को कई पत्र लिखे और इस पर तकमिना भी तैयार किया गया है लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका। उनकी एक बड़ी समस्या यह भी है कि जब भी बारिश होती है तो वार्ड में जलभराव की समस्या हो जाती है लेकिन न तो नगर परिषद और न ही न्यास इस ओर ध्यान दे रहा है। इसके अलावा रोड, नाली जैसी आभारभूत समस्याएं भी वार्डवासियों के लिए दुविधा बनी हुई है। एक अन्य पार्षद सुनील खोईवाल ने भी अपने वार्ड की समस्याएं संभागीय आयुक्त के सामने रखी है। 
वैसे तो ये तीन पार्षद ही यहां पहुंचे लेकिन शहर की समस्याओं से आम लोग भी परेशान है। शहर के हर कदम पर अतिक्रमणकारी काबिज है लेकिन कोई सुनने और देखने वाला नहीं है। पुर रोड पर सर्विस लेन बनाने पर न्यास ने लाखों रुपए खर्च किये लेकिन यह सर्विस लेन आज पटरी बाजार बन चुका है। यहां कारें बिकती है, जूतों के शो रूम बन गए है और फूलों के बगीचे भी पौधे बेचने के लिए लग चुके है। यही नहीं करोड़ों रुपए की जगहों पर ढाबे चल रहे है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। पुराना बस स्टेण्ड, गंगापुर तिराहा, पांसल चौराहा, अजमेर तिराहा, श्रीगेस्ट हाउस चौराहा, सांगानेरी गेट, मुरली विलास रोड यानि यूं कहें कि कोई भी इलाका ऐसा नहीं है जहां अतिक्रमण व अवैध निर्माण नहीं हो रहे हो। 

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